हमारे घर पर भी कार है
हमारे घर पर भी कार है
"मम्मा, कल मेरी पैरेंट टीचर मीटिंग है। मीटिंग में आप ही आना। पापा को मत लाना।" शहर के एक बढ़िया कान्वेंट स्कूल में कक्षा 6 में पढने वाली वाणी की बेटी सुरीली ने कहा।
"लेकिन क्यों बेटा? कल तो पापा का ऑफिस भी नहीं है। मैं और पापा दोनों ही आएंगे आपके स्कूल।" वाणी ने सुरीली को बताया।
"ओह मम्मा आप तो कुछ समझते हो नहीं। मैंने स्कूल में सारी फ्रेंड्स को बता रखा है कि हमारे घर पर फोर व्हीलर मतलब कार है। अगर पापा आएंगे तो सबको पता चल जाएगा कि हमारे घर पर कार नहीं है।" सुरीली अपनी धुन में बोलती जा रही थी।
"लेकिन बेटा, मैं भी तो स्कूटी लेकर ही आऊँगी। आपका झूठ तो पकड़ा जाएगा ही। जब घर में कार नहीं है तो, ऐसे क्यों बोला कि कार है।" वाणी ने सुरीली को समझाने की कोशिश करते हुए कहा।
"आप आओगे तो, मैं बोल दूँगी कि आपको कार चलाना नहीं आता है। इसलिए आप स्कूटी लेकर आये हो।" सुरीली ने अपने झूठ को छिपाने का रास्ता बताते हुए कहा।
"और बेटा, कभी आपकी फ्रेंड्स हमारे घर आ गईं या आपको कहीं बाहर मिल गईं, जब पापा भी आपके साथ हो, तब आप उन्हें क्या बताओगे? सच के सामने झूठ ज्यादा टिक नहीं पाता है। फिर एक झूठ को छिपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं। बार-बार झूठ बोलने से झूठ बोलने की आदत पड़ जाती है।" वाणी सुरीली को समझाने की कोशिश कर रही थी।
"लेकिन मम्मा अब तो बोल दिया न। अब अगर पापा गए तो, मेरी फ्रेंड्स सब मुझे चिढ़ाएँगे, मेरा मजाक बनाएंगे। वो समझेंगी कि हम गरीब हैं। उन सबके घर पर कार है।" सुरीली ने रुआंसी होते हुए बोला।
"नहीं बेटा, आप डरो मत। अपनी गलती को स्वीकार करो। गलती को स्वीकारने के लिए मजबूत होना पड़ता है। आप बहुत मजबूत हो। हम दोनों मिलकर आपकी फ्रेंड्स को सच बताएँगे। बेटा हम बताएँगे कि हमें कभी कार की ज़रूरत महसूस नहीं हुई, इसलिए हमारे घर पर कार नहीं है। बेटा गरीब होना कोई अपराध नहीं है लेकिन सच नहीं बोलना जरूर अपराध है।" वाणी सुरीली को समझाने की पूरी कोशिश कर रही थी।
"आप अपनी फ्रेंड्स की मदद करो, अच्छे से पढ़ाई करो। स्कूल की दूसरी गतिविधियों में भाग लो। आप अपनी खूबियों और गुणों के आधार पर अपनी पहचान बनाओ तो आपको कभी अपने घर की आर्थिक स्थिति के बारे में झूठ नहीं बोलना पड़ेगा। अगर फिर भी आपको चिढ़ाते हैं तो आप सामना करो। अगर आप चिढ़ोगे नहीं तो कोई चिढ़ाएगा नहीं। कल मैं आपकी टीचर को भी सारी परिस्थिति से अवगत कराऊंगी।" वाणी ने सुरीली को आश्वस्त करते हुए कहा|
"सॉरी मम्मा, मुझे झूठ नहीं बोलना चाहिए था। लेकिन जब सब अपनी कार के बारे में बात कर रहे थे तो मैंने भी बोल दिया।" सुरीली ने कहा।
"बेटा, सबको सब कुछ मिले जरूरी नहीं न। आप ही तो बता रहे थे कि आप टिफ़िन में डेली कुछ न कुछ नयी डिश लेकर जाते हो ;जबकि आप दोस्त सलोनी हमेशा ब्रेड बटर और जैम ही लाती है। जो आपको मिल रहा है ;वह सलोनी को नहीं मिल रहा। आगे से अपनी किसी भी कमी को छिपाने के लिए झूठ नहीं बोलना।" वाणी ने सुरीली को समझाया।
"मैंने सुरीली को समझाने की कोशिश तो की है ;लेकिन आज जब हम सब ही किसी की कामयाबी का आँकलन, उसके पास गाड़ी कौनसी है ?घर कितना बड़ा है ?कपडे किस ब्रांड के हैं ? पैसा कितना है ? ;आदि के आधार पर करते हैं। तो बच्ची की क्या गलती है ?इसने जो देखा, सुना, समझा उसके आधार पर अपने को अच्छा दिखाने की कोशिश की। हमने भी तो स्टेटस सिंबल के लिए सुरीली को महंगे स्कूल में डाला था|" वाणी ने अपने आपसे कहा।