प्रेम की आंख
प्रेम की आंख
एक नगर में कृष्णा नाम का लड़का रहता था उसको सब प्रेम की आंख बोलते थे क्योंकि उसकी आंखो में वो जादू था जिस से हर कोई उसकी और आकर्षित होने लगता था लेकिन थोड़ा वह प्रेम में कच्चा था वह प्रेम की बातो से दूर भागता था क्योंकि उसको वह आकर्षण अच्छा नहीं लगता था एक दिन वह भगवान से बोला की मैंने आपसे एक का प्रेम मांँगा था लेकिन हजारों प्रेम लाकर खड़ा कर दिया . कृष्णा के सपनों में एक दिन कृष्ण जी आए बोले इस संसार से प्रेम खत्म हो चुका है इसलिए तुम्हारे माध्यम से प्रेम की ऊर्जा फिर से विकसित करना चाहता था .
कृष्णा बोला - ए ईश्वर ये प्रेम इतना भी अच्छा नहीं की प्रेम का भाव इतना बढ़ जाए .
कृष्ण भगवान ने उसकी बात मानी और ये बोले सुबह सुबह जब तुम उठोगे एक स्त्री तुम को मिलेगी वह गुलाब का फूल लेकर खड़ी रहेगी और मै वचन देता हूं कि वह ज़िन्दगी भर तुम्हारे साथ रहेगी
कृष्णा खुश होकर बोला अच्छा ईश्वर मेरे अंदर का प्रेम आकर्षण खत्म हो जाएगा
कृष्ण जी बोले - अगर ये आकर्षण खत्म हो गया तो तुम प्रेम कैसे करोगे लेकिन जिस दिन तुमने मेरे द्वारा रचित स्त्री से दूरी बनाई फिर से तुम्हारे अंदर ये प्रेम आकर्षण आ जाएगा .
कृष्णा बोला - ठीक है ईश्वर में आपकी बातो पर निर्भर रहूँगा।