ताली एक हाथ से नहीं बजती
ताली एक हाथ से नहीं बजती
हमने और पड़ोस वाली भाभी जी ने एक ही काम वाली बाई लगा रखी थी।
वह आती घर का काम करने के साथ-साथ ऊपर से भी मेरी मदद कर जाती। यह देख भाभी जी बोली यह हमारे यहां तो बस उतना ही करती है जितना तय किया है जबकि मैं देख रही हूँ कि आपके यहाँ ऊपर के भी बहुत से काम कर रही है।
मैंने कहा- ताली एक हाथ से नहीं बजती है।
मैं उसकी अलग से यथा संभव मदद भी करती रहती हूं। जिसे वह भी समझती है और जो हो सकता है तय काम के अतिरिक्त भी मेरा काम कर जाती है।