Ira Johri

Inspirational

4  

Ira Johri

Inspirational

मुखरित मौन

मुखरित मौन

2 mins
373


"पापा याद है पहले माँ कितना चहकती थीं ।अब कितना शान्त रहनें लगीं हैं ।" "हाँ देख तो रहा हूँ इधर बहुत समय से वो कुछ खोई हुई सी रहती हैं ।" "जानते हैं इसका कारण भी मुझे समझ में आ गया है और साथ ही इस समस्या का समाधान भी हमारे पास है ।" "आखिर तुम कहना क्या चाहती हो।" "दरअसल जब से आप नौकरी से सेवा निवृत्त हुये हैं घर में रह कर माँ पर कुछ ज्यादा ही चिल्लाने लगे हैं ।आपको बस इतना करना है कि अब से आप माँ पर सबके सामने नहीं चिल्लायेंगे।" "क्यूँ अब ऐसा क्या हो गया है जो मैं कुछ न कहूँ ।" "आपको जो कहना हो कहिये पर आहिस्ता से।" "एक बात पता है तुम्हे ।तुम्हारी माँ बहुत सीधी है ।वो कभी प्रतिवाद नहीं करती।" "वही तो हमारे कहना है कि माँ बहुत सीधी हैं और यदि उन्होंने कभी प्रतिवाद नहीं किया तो इसका मतलब यह नहीं कि उनके सीधेपन का फायदा उठाया जाये ।ध्यान रखिए यदि आप उनकी भावनाओं का ध्यान रखेंगे ।तो कोई उनके साथ गलत व्यवहार नहीं कर पायेगा।अपनें सीधे स्वभाव की वजह से ही वो दिल दुखने पर भी कुछ कह नहीं पातीं बस मौन रह जातीं है ।ऐसे में यह हमारा ही फ़र्ज बनता है कि हम किसी को उनके साथ गलत व्यवहार न करनें दें ।तभी उनका मौन मुखरित हो पहले की तरह अपनें भावों की अभिव्यक्ति दे पायेगा ।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational