Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

विडम्बना

विडम्बना

1 min
319


रीमा रोज़ की तरह सुबह से उदास बैठी थी। घंटी बजी और राधा अपने आप अंदर आ गयी। 'माफ करना दीदी आज देर हो गयी फिर से।' रीमा ने उसका चेहरा देख और कुछ नहीं कहा। उसकी आँखें सूजी हुई थीं। फिर रात भर सोई नहीं थी। रीमा चुपचाप बैठी रही।

झाडू लगाते हुए राधा आयी और बोली दीदी क्या हुआ आप इतनी उदास क्यों लग रही हो।'

रीमा की शादी को चार साल हुए मगर बच्चा नहीं था, दिन भर अकेले सोच में रहती और उदासी घेरे जा रही थी।

'दीदी, एक दो दिन छुट्टी चाहिए, हॉस्पिटल जाना है।'

'क्यों क्या हुआ?'

'दीदी फिर से मैं...'

'अरे? एबॉर्शन? आपरेशन क्यों नहीं करवाती? अपनी बेटियों के बारे में तो सोच।'

'क्या करूं दीदी, गरीबी में कुछ नहीं समझ आता, बच्चों को देखूँ, काम करूं या ये सब। दीदी अगले जन्म में आप जैसे किसी बड़े घर में पैदा होना चाहती हूं ताकि बच्चों को ठीक से बड़ा कर पढ़ा लिखा सकूं, अच्छा जीवन दे सकूं। '

रोमा सोच रही थी कैसी विडंबना है ये। जहाँ सब है वहाँ बच्चे को तरस रही है और जहां बच्चे हैं वहां...


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy