STORYMIRROR

ashok kumar bhatnagar

Comedy Romance Fantasy

4  

ashok kumar bhatnagar

Comedy Romance Fantasy

2022 की होली में मिल गयी हमझोली

2022 की होली में मिल गयी हमझोली

9 mins
505

मैं हेमंत इंटर करके बरेली से बंगलौर आ गया था। बंगलौर में रह कर चार साल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की ,दो साल ऐम बी ऐ किया। और अब तीन साल से मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब कर रहा हूं। मैं होली पर बरेली जाना मिस नहीं करता। आप सोच रहे होंगे की मुझे होली परिवार के साथ मना नी अच्छी लगती होगी। 

नहीं ऐसी बात नहीं हैं। होली पर बरेली जाने का कारण “मेरी सामने बाली खिड़की में एक चाँद सा टुकड़ा रहता हैं” हैं |बरेली जाने का कारण ऋचा हैं। उसका घर सड़क पार करके मेरे घर के सामने हैं | सुंदर तो इतनी हैं ,लगता हैं भगवान कामदेव ने उसे बहुत ही शिद्दत ,परिश्रम और बहुत समय दे कर बनाया हैं। 

 उम्र में कोई मुझसे दो साल छोटी होगी। जब में इंटर में था ,बोह हाई स्कूल में थी। कई बार उससे बात करने की कोशिश की मगर बोह घास ही नहीं डालती थी। बस बोह दिन में एक बार अपने धोए हुए बाल सुखाने सुबह सुबह अपनी खिड़की पर आती थी। हम पूरे दिन उस अगली सुबह का इन्तजार करते थे। इस डर से कही हम लेट ना हो जाय और बोह बाल सूखा कर चली ना जाय ,हम एक डेढ़ घंटे पहले छत पर पहुँच जाते थे।

हमारी दादी और माँ शुरू शुरू में तो समझ नहीं पायी थी और पूछती थी ," तू सुबह सुबह घर की छत पर जाकर क्या करता हैं ? सुबह सुबह बैठ कर पढ़ा कर।सुबह का पढ़ा हुआ याद रहता हैं। जल्दी से स्कूल के लिए तैयार हुआ कर। तेरे पापा को तेरे टीचर मिले थे। उन्हों ने तेरे पापा को बताया कि तू स्कूल टाइम से नहीं पहुँचता हैं "।

मेंने उनेह लाख समझाने की कोशिश की कि में छत पर एक्सरसाइज करता हूं। लेकिन मेरी बात पर उनको असर नहीं हुआ। बोह दोनों समझ गए कि यह ऋचा के बाल सुखाने के लिए खिड़की पर आने का कारण हैं। और इस तरह हम एक तरफा प्यार में घर पर बदनाम हो गए।इतना ही होता तो हम सहन कर जाते। छोटी बहन ने हमारे पालतू तोता को भी सिखा दिया। जब हम जीने से चुपके से छत पर जाने की कोशिश करते ताकि कोई देख ना ले तभी तोता जोर जोर से गाता ," घर का लाड़ला बिगड़ गया। घर का लाड़ला बिगड़ गया"।

 एक दिन की बात हैं |हमारे इन्टर के फाईनल एग्जाम होने बाले थे।फरवरी का महीना चल रहा था। बसंत ऋतु का मौसम था। हल्की हल्की सर्दी थी और धीमी धीमी धूप निकल रही थी। कॉलेज के पार्क के फूल अपनी पूरी योबन बस्ता में खिले हुए थे।

बस आप यह समझे की मौसम पूरा रूमानी था और दिल हमारा बाग़ बाग़ हो रहा था। ऐसे में पार्क में आते हुए ऋचा दिखाई देती हैं। हमारे दिल ने हमसे कहा ," इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा। अपने दिल की बात ऋचा से कह दे। उससे कह दे कि बोह उसे बहुत प्यार करता हैं।उसके लिए पूरा दिन तड़पता हैं। उससे अपने प्यार का इजहार कर दे "। दिल बार बार कह रहा था ," अब की बार मत चूके चौहान , अब की बार मत चूके चौहान "।

बस फिर हम पहुँच गए ऋचा के पास।उसे ऋचा ऋचा कह कर अबाज लगाई। किन्तु गला हमारा सूख गया था। दिल हाफ़ रहा था। मानो शरीर से बहार निकल जाएगा।हमारे गले से ऋचा ऋचा की जगह चा चा ही निकल पाया। मगर हाथों ने अपना काम कर दिखाया। मेरे हाथों ने ऋचा के हाथों को पकड़ा। अपने दिल के अपने दिल के पास उसके हाथों को ले जाने की कोशिश की और मुंह से केबल इतना निकला , मैं प ..या ...र 

क ...र...ता ... हूं। 

 तभी हमारे गाल पर उसका जोर दार झापड़ पड़ा| हम गिरते गिरते बचे। सारा प्यार बयार रोमांस खत्म हो गया।हमारी एक आँख सूझ गयी थी और गाल से खून बह रहा था। बोह गुस्से में चीख रही थी और कह रही थी ,"लफंगा , कही का। अभी पढ़ाई की उम्र हैं। प्यार करेगा। आज पापा से कहती हूं। बो तेरी टाँगे तोड़ कर तुझे लंगड़ा कुत्ता बना देंगे।

 हमारी तो सिट्टी गुम हो गयी। सीधा डॉक्टर के पास भागे। डॉक्टर ने देखते ही कहा ," अरे यह क्या बना रखा हैं ? किसी लड़की ने पीटा हैं? गालों और आँख पर जो अंगूठी का ऊपर का हिस्सा होता हैं , उसके निशान हैं। लगता हैं किसी ने पूरी ताकत से तुम्हारे गाल पर झापड़ मारा हैं। गाल का दाग तो साफ़ हो जाएगा।लेकिन आँख के नीचे का निशान खत्म नहीं होगा।यह हमेशा रहेगा। बच्चे अगर झापड़ थोड़ा ऊपर लग जाता तो आँख खराब हो जाती। पूरी जिंदगी एक ही आँख से देखते और इश्क्र में काने हो जाते।

 जैसे तैसे घर आये। घर बालों ने देखते ही घेर लिया और कहने लगे ," अरे यह क्या हो गया?चोट कैसे लगी? देख कर क्यों नहीं चलते हो ? तमाम तरह की बातें और तमाम तरह के उपदेश देने लगे "। अब उनेह हम कैसे बताते कि इश्क्र में चोट खाये हुए हैं।

सबसे ज्यादा डर ऋचा के बाप से लग रहा था। उसकी बड़ी बड़ी मूंछ और खुंखार चेहरा था। पुलिस में डी एस पी था। उसने बहुत डकेतो को मौत के घाट उतारा था।एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर था। आँखें उसकी बहुत डराबनी थी| अगर ऋचा ने अपने बाप से कह दिया तो बोह वास्तव में लंगड़ा कुत्ता बना देगा। पर ईश्वर की बड़ी कृपा हुई। उसने अपने बाप से नहीं कहा।

 इसके बाद हम इंजीनियरिंग करने बंगलौर आ गए। हमने बी टेक , एम बी ऐ कर लिया और उसने बी एस सी ,एम एस सी कर लिया।हम बंगलौर में मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब करने लगे और बोह फिजिक्स में पी एच् डी कर डिग्री कॉलेज में लेक्चरर हो गयी।

 हर साल हम होली पर घर जाते रहे क्न्योकि बोह हर साल भावी और छोटी बहन से होली खेलने आती थी।यही हमारे लिए सबसे अच्छे दिन होते थे। हमें ऐसा लगता था कि इस दिन स्वर्ग की अप्सरा हमसे मिलने और होली खेलने हमारे घर आयी हो।

अब उसका व्यवहार बदल रहा था। बोह मेच्युर होती जा रही थी। जब बोह आती थी ,हमें भी हेलो बोलती थी। कुछ देर हमारे सामने बैठती थी। मुस्करा कर हमसे बात करती थी।हमारी आँख के नीचे निशान के बारे में पूछती थी। हलके से किन्तु मुस्कराते हुए सौरी बोलती थी। एक हल्का सा गुलाल का टीका हमारे गालों पर लगाती थी। हमारा दिल गुनगुनाता था ," हौले हौले हो जायेगा प्यार" "| हौले हौले हो जायेगा प्यार"।

 । 

साल 2021 में होली पर घर आया था। सोचा था की इस बार ऋचा के बाप को इम्प्रेस करूंगा। होली का पर्ब मिलन का पर्ब हैं। होली बाले दिन उसके पिता से मिलने पहुँच गए। घंटी बजाई। दरवाजा खोलने ऋचा आयी। मुस्कराते हुए चेहरे से उसने दरवाजा खोला और बरामदे तक ले गयी। बरामदे का माहौल मुझे तनाबपूर्ण लगा। एक तो मैं डरा हुआ था। ऊपर से उसका बाप अपनी बन्दूक की नली साफ़ कर रहा था। उसके बाप को देख कर मेरी तो फट गयी। बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला और बोला ," अंकल जी पांव पडूँ और जैसे ही मैं पांव छूने झुका , बन्दूक की नाल मेरे माथे पर लग गयी। मेरी इस हरकत पर दोनों बाप बेटी हंस पड़े। मुझे बहुत शरमिन्दगी हुई। जब दिखाई दे रहा था कि उनके हाथ में बंदूक हैं तो उठ कर पांव छूने कि क्या जरूरत थी?

अंकल जी ने पूछा ," कैसे आना हुआ "? हमने कहा," होली मिलने "। अंकल बोले ,"होली तो अपने हम उम्र बालों से मिली जाती हैं। तुम्हारे पापा को होली मिलने आना चाहिए था "। हम गलती और आवेश में बोल गए ," ऋचा से होली मिलने आया था"। डी एस पी ने बड़ी कड़क आवाज में बोला," व्हॉट? कही भी कुआंरे लड़की लड़के होली नहीं मिलते हैं। " अपनी फुन फूनाती नाक से डी एस पी बोला ," हाऊ डेयर यू ? । हमारा तो बुरा हॉल हो गया। 

 हमें एक दम खांसी आ गयी। मुहँ कि चाय हमारी शर्ट पर गिर गयी। आगे कि पेंट शू से और पीछे कि पेंट पोटी से गीली हो गयी। अंकल सौरी अंकल सौरी कहते हुए हम बाँह से भागे । पता नहीं उसका कुत्ता पहले से ही खुला हुआ था या उस साले बाप ने खोल दिया। भागते भागते भी कुत्ते ने हमारी टांगो में काट लिया। बड़ी मुश्किल से घर पर आकर खाट पर लेट गया। 

 थोड़ी देर में ऋचा हमारे घर आयी और बोली , "सौरी आँटी ,हेमंत को हमारे डौगी ने काट लिया हैं। इस बार हम अपने डौगी को इंजैक्शन नहीं लगबा पाए थे।आप हेमंत के कुत्ता काटने के इंजैक्शन लगबा देना "| बस घर में भूचाल आ गया। सब हमी को दोष देने लगे। सरकारी अस्पताल भागना पड़ा। पेट में बारह इंजैक्शन लगे। बहुत ही दर्द और तकलीफ हुई।

इतना तो हम समझ गए थे कि हमारी ऋचा से शादी कभी नहीं हो पाएगी और उसके गालो को हम अपने हाथ से नहीं छू पाएंगे। हमने तय कर लिया कि एक साल और कोशिश करते हैं।अगर2022 की होली में काम नहीं बना तो मान लेंगे कि हमारे लिए यह अंगूर खट्टे हैं। इस बार हमने जादू टोना और पूजा पाठ सबका प्रयोग करने की सोची।

सबसे पहले तो हमने अपने मोहल्ले के मंदिर के पुजारी मिश्रा जी से सहयोग माँगा। इन्टर तक मिश्रा जी हमारे साथ ही पढ़े थे| हम इंजीनियरिंग और एम बी ऐ करने चले गए और मिश्रा जी बनारस में पंडिताई, तंत्र विद्या और ज्योतिष सीख ने चले गए। शहर में मिश्रा जी की बड़ी ख्याति थी। आदमी और और तो का झुण्ड उनके आगे पीछे लगा रहता था। किसी को गंभीर बीमारी से छुटकारा पाना हैं। किसी के बच्चा नहीं हो रहा हैं।किसी की शादी नहीं हो रही हैं। हर चीज का इलाज मिश्रा जी थे। हमने मिश्रा जी से अकेले में कुछ समय देने की बिनती की। मिश्रा जी बोले ," हम बहुत बिजी रहते हैं। समय हमारे पास बिलकुल नहीं हैं। किन्तु तुम हमारे बचपन के दोस्त हो। तुमेह इंकार नहीं कर सकते। कल रात को दस बजे आ जाना।

हम रात को दस बजे मिश्रा जी के घर पहुँच गया। मिश्रा जी ने हमारी कुंडली बनाई और बोले ,' आपकी कुंडली में मंगल नीच का हैं। बृहस्पति की दशा कमजोर हैं। सातबे भाग में शनि की कुदृष्टि हैं। तंत्र बिद्या और पूजा पाठ करना होगा। लड़की का नाम बताओ "। मेंने कहा ,' अपने डी एस पी साहब की बेटी ऋचा "। मेरे ऐसा बोलने पर मिश्रा जी ऐसे उछले जैसे उनके सांप ने काट लिया हो। 

मिश्रा जी गुस्से में चीख कर बोले ." खुदखुशी करनी हे तो किसी और तरीके से कर लेते।एक तो डी एस पी त्रिपाठी अपनी कास्ट के अलाबा दूसरी कास्ट में शादी करेगा नहीं।तुम कायस्थ से बोह बहुत चिढ़ता हैं। सबसे बड़ी बात हे कि उससे बात कौन करेगा।जरा सी बात पर बोह बंदूक निकाल लेता हैं और लड़ने के लिए तैयार हो जाता हैं।

हमने मिश्रा जी से बहुत मिन्नत की।हाथ पांव पकड़े | तब मिश्रा जी का दिल पसीजा। मिश्रा जी बोले ," कुछ पूजा पाठ और तंत्र विद्या करते हैं।तुम बीस हजार रुपए और हमारी लाइफ पालिसी लेकर दो "।मेंने मिश्रा जी से पूछा ," यह सब क्यों ? तीन हजार में पूजा पाठ हो जाता हैं"। मिश्ना जी बोले ," ज्यादा बकर बकर मत करो। अगर डी एस पी को पता चल गया कि हम उसकी लड़की की शादी के लिए तंत्र विद्या कर रहे हैं। बोह हमारी टांगों को तोड़ कर लंगड़ा बना देगा। इस लिए लाइफ पालिसी चाहिए।पूजा तो तीन हजार में होती हैं। किन्तु उसके बाप की पिटाई से हम बीमार हो गए तो ताकत की चीज खाने के लिए सत्रह हजार चाहिए।बहुत रिस्क हैं।तुम हमारे मित्र हो।इस लिए कर रहे हैं “|

मरता क्या ना करता। मिश्रा जी का लाइफ इन्सुरेंस कराया। बीस हजार रुपए दिए। पांव छुए और कहा ," पंडित जी 2022 की होली तक हमारा काम करा दो।

 मार्च 2022 में हम होली पर बरेली आये।| भगवान के प्रति आस्था बढ़ गयी हैं। अब ऋचा से शादी कराना भगवान के ही हाथ में हैं। एक बात तो हमने गांठ बाँध ली हैं। अब बहुत हो गया इश्क्र बिस्क। साले इश्क्र के चक्कर में शादी की उम्र निकलती जा रही हैं। अब के ऋचा ना मिली तो कोई और सही। इस बार होली पर शादी हम जरूर करेंगे।

मार्च 2022 में हम बरेली आ गए हैं।। शाम के लगभग तीन बजे हैं और हम ने ऋचा के घर की खिड़की को घूरा हैं। खिड़की बंद हैं और हमारा दिल बहुत जोर से धड़क रहा हैं। भागे भागे मंदिर में मिश्रा जी को देखने गए हैं। 

मिश्रा जी हमे देख कर मुस्कराये और बोले ," तुम्हारा काम हमने करा दिया हैं। त्रिपाठी को हमने समझाया कि लड़का बहुत नेक हैं। बी टेक एम बी ऐ हैं। अमेरिका की बहुत बड़ी कंपनी में मैनेजर हैं |इस समय तो बंगलौर में हैं। कल को अमेरिका भी जा सकता हैं।तुम्हारी लड़की राज करेगी। लड़की के साथ तुम भी अमेरिका घूम आयेगा। बरना तुमने जिंदगी में बन्दूक ,जंगल और बदमाश के अलाबा करा ही क्या हैं ? "

मिश्रा जी ने हमें घूरते हुए कहा ," अपने बाप को सम्हाल लेना। तुम्हारा बाप बहुत काइयाँ हैं। कल सगाई हैं। सिंपल मैरिज होगी। आदर्श शादी और कोई दहेज नहीं। हमने अपने पत्रकार बंधु को बुला लिया हैं। यह हमारे शहर की पहली अंतर्जातीय और बगैर दहेज के शादी होगी "।

इस तरह 2022 की होली में हमे हमजोली मिल गयी हैं। माँ का फ़ोन आया हे और बो कह रही हैं ," बेटा ८ मार्च 2023 की होली हैं। तू बहु को लेकर बरेली कब आ रहा हैं ? " हमने माँ से कह दिया हे ," ऑफ़िस में काम की अधिकता के कारण हम इस बार होली पर बरेली नहीं आएं गे "। अब त्रिपाठी जी की खिड़की बाली हमारे पास बंगलौर में हैं तब हम बरेली जाकर क्या करेंगे ?


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy