Nisha Nandini Bhartiya

Tragedy Inspirational

5.0  

Nisha Nandini Bhartiya

Tragedy Inspirational

किस्सू की नींद

किस्सू की नींद

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मुझे आज भी याद है वो रात जब हम लोग गोवा के बागा बीच पर बैठे थे। रात के करीब दस बजे होगें। यही कोई दस ग्यारह साल का एक लड़का पाइन एप्पल बेच रहा था। बार-बार हमारे पास आकर कह रहा था। पाइन एप्पल ले लीजिए। उस लड़के को जानने की मेरी इच्छा बलवती होती जा रही थी। मैंने उसे अपने पास बुलाया और पूछा बेटा तुम्हारा नाम क्या है ?   

पूरे आत्मविश्वास से बोला किस्सू।  

अरे, तुम्हारा नाम तो बहुत अच्छा है। वह हल्का सा मुस्कुराया।

मैंने प्यार से किस्सू को अपने पास बैठाकर उसके सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा - तुम्हारी उम्र कितनी है ?

वह बोला - दस साल 

तुम्हारे बहन भाई कितने हैं ? वह बोला - मैडम हम छह बहन भाई हैं। तीन बहन, तीन भाई। 

तुम सबसे छोटे हो - मैंने पूछा, नहीं मैडम, मैं सबसे बड़ा हूँ।

इसलिए तो मुझे काम करना पड़ता है। मेरी छोटी बहन अभी एक महीने की है। 

तुम्हारे पिताजी क्या करते हैं ? जी,वो काठ का काम करते हैं।

तुम गोवा के तो नहीं लगते हो ? मैडम हम लोग कन्नौज के है। दो साल पहले हम यहां आये हैं। 

तुम लोग यहां क्यों आए ? मैडम वहाँ तो हम लोग भूखे रहते थे। अब तो भर पेट खाना मिलता है। 

तुम कुछ पढ़े हो ? मैडम, मैं तो अब भी चौथी क्लास में पढ़ रहा हूँ। रात दो बजे तक पाइन एप्पल बेच कर घर चला जाता हूँ। सुबह आठ बजे स्कूल जाता हूँ।

तुम्हारा घर कहाँ हैं ? यहीं सामने घाट के उस पार।

मुझे उससे बातें करके बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा- अरे वाह किस्सु तुम तो बहुत समझदार हो।

वह बोला - मुझे पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। 

पर मैडम जी, मुझे कक्षा में नींद बहुत आती है। मैंने कहा -क्योंकि तुम रात दो बजे तक तो पाइन एप्पल बेचते हो। हाँ, अगर न बेचूँ तो माँ मुझे पढ़ने भी नहीं देगी और खाना भी नहीं देगी। मैं भी पढ़ लिखकर एक बड़ा अफ़सर बनना चाहता हूँ, लेकिन क्या करूँ मैडम जी यह काम करना तो मेरी मजबूरी है। 

मैं एकटक किस्सू को देखते हुए उसकी बातें सुन रही थी। 

आज तुमने कितने रूपए कमा लिए ? 

अभी तो केवल पचास रूपए हुए हैं मैडम जी। यह पूरा तीन सौ रुपए का है। जब तक पूरे तीन सौ नहीं हो जाते मैं घर नहीं जा सकता। 

मैंने पूछा -क्या तुम्हारा पूरा बिक जाता है। 

हाँ, बिक जाता है। कभी कभी दस बीस रुपए का रह जाता है। तो में दाम कम करके दे देता हूं।

अरे, मैडम जी आपने तो मेरा बहुत समय खराब कर दिया। अब बोलो कितनी प्लेट दे दूँ। मैंने कहा -तुम्हारे पास कितनी प्लेट बाकी हैं। अरे मैडम जी मेरे पास तो अभी तेरह प्लेट पाइन एप्पल बाकी है। 

अच्छा, तुमने एक प्लेट का बीस रुपए बताया था न। जी, बीस रुपए प्लेट है। 

तो तेरह प्लेट का दो सौ साठ रूपये हो गया। जी मैडम, आप अकेले तेरह प्लेट खा लेगीं।

लो तुम यह दो सौ साठ रूपये लो और आज जल्दी घर जाकर सो जाओ।

किस्सू रूपए लेकर सारे पाइन एप्पल मेरे पास रखने लगा। वह कटे हुए नहीं थे। सबको ताजे काट कर देता था। मैंने कहा - जल्दी से एक प्लेट मुझे दे दो और बाकी के कल बेच देना।

वह पाइन एप्पल काटते हुए बड़े आश्चर्य से मेरे चेहरे की तरफ देख रहा था और मन ही मन सोच रहा था। पैसे तेरह प्लेट के दिए और ले एक ही प्लेट रहीं हैं। मैंने पुनः उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा - जा अब जल्दी घर जा। सुबह स्कूल में नींद नहीं आयेगी। भगवान के आशीर्वाद से तुम एक दिन ज़रूर बड़े अफसर बनोगे। किस्सू ने झटपट अपने पाइन एप्पल संभाले, पैसों को संभाल कर जेब रखा और थैंक्यू मैडम जी बोलकर तेजी से घर की तरफ भागा। उस समय साढ़े दस बज चुके थे। दस साल के किस्सू को एक दिन की भरपूर नींद देकर मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी मानो मैंने कोई जंग जीत ली हो।



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