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Hardik Mahajan Hardik

Classics

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Hardik Mahajan Hardik

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धर्मांधता

धर्मांधता

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धर्मांधता 

मैंने भोला शंकर को 

नहीं देखा।

मैंने देखा उनके काम को,

मैंने देखा तो सिर्फ उन्हें देखा,

उनके करते उद्धार को। 


मैंने देखा लोगों को एक 

दूसरे से जलते हुए,

मैंने देखा एक दूसरे को 

धोखा देते हुए। 

मैंने भोला शंकर को 

नहीं देखा। 


क्या भोला शंकर चाहेंगे, 

किसी का बुरा हो। 

क्या भोला चाहेंगे, 

किसी को गलत साबित करना 

क्या भोला चाहेंगे, की धर्म के 

नाम पर कोई लडे़। 


मैंने ऐसे इंतजाम को कभी 

नहीं देखा 

मैंने भोला शंकर 

को नहीं देखा ....!


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