दीपावली दीपकों की अवलि
दीपावली दीपकों की अवलि
दीपावली दीपकों की अवलि,
देती सन्देश क्या हम जो समझे अगर।
जाए दुख दैन्य मिट हो सुखी जीवन सब,
हो किसी को किसी से नही कोइ डर।
झालरो दीप पंक्ती से संसार में,
प्रेम डोरी से जो हम बंधेंगे सभी।
कहता सौ फीसदी बात सच मानिए,
देखेंगे आप चेहरे पे सबके हंसी।
दीप जलकर धरा का अंधेरा हरे,
क्या किसी से कभी मांग कोई करे।
ऐसे ही त्याग कर स्वार्थ को हम सभी,
आओ गम के अंधेरों को जग से हरे।
आने वाले जगत के हैं त्योहार सब,
बांट खुशियां सुखी रहना सिखला रहे।
इसलिए त्याग कर संकुचित सोच कोई,
आओ त्योहार मिलकर मनाते रहे।
