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Premdas Vasu Surekha 'सद्कवि'

Abstract Tragedy Action

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Premdas Vasu Surekha 'सद्कवि'

Abstract Tragedy Action

धर्म मौत का सफ़र

धर्म मौत का सफ़र

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जब बिक जाता है सब कुछ

 एक सहारा जिंदा है

धर्म मौत का सफर है बनकर

 आडंबर खुला होता है


इसको समझाने हम बैठे

ये समझ नहीं आता है

प्यार प्रेम रिश्ते नाते

धर्म में जिंदा बिक जाते हैं


अपनी जान का बुरा नहीं होता

 यह बहुत पुरानी बात है

जिसके हाथों में शासन तंत्र

वह खुला जिंदा रहता है


जिस धर्म को जिंदा रहना है

 वह तो हमने मार दिया

फिल्म किताब अब नहीं रहना

 धर्म हर मौत का सफर है।


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