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Sarita Dikshit

Abstract Classics

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Sarita Dikshit

Abstract Classics

बसंत ऋतु का आगमन

बसंत ऋतु का आगमन

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मधुऋतु बसंत का हुआ आगमन

गूंजे उपवन में कोकिल स्वर

कलकल करती नदियां झूमें

भंवरे मंडराएं पुष्पों पर


कोमल पर्णो से सजे वृक्ष

सुरभित समीर की मधुर तान

सरसों के पीले फूल खिले 

हरियाली का पहने परिधान


फागुन की बयारें आई हैं

मदमस्त हृदय खोता सुध-बुध

स्वागत करने कुसुमाकर का

प्रकृति ने भेष धरा अदभुत।


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