बचपन की दोस्ती कैसे पीछे रह गई
बचपन की दोस्ती कैसे पीछे रह गई
बचपन की वो दोस्ती
न जाने कैसे पीछे रह गई?
जो बचपन में सब कुछ थी
वह अब केवल अतीत रह गई
पहले साथ में सब कुछ था
अब साथ ही न रहा
पहले दोस्त के बिना मन नहीं लगता था
अब मन में दोस्त ही न रहा
हम बड़े क्या हो गए
दोस्ती छोटी पड़ गई
जो एक दिन न मिलने पर उदास हो जाते थे
वो सालों से नहीं मिले
पर अभी भी याद तक नहीं आई
जो दोस्ती इतनी प्यारी थी
आज अतीत बनकर रह गई
बचपन की वो दोस्ती
न जाने कैसे पीछे रह गई?
