STORYMIRROR

Sheetal Jain

Classics

4  

Sheetal Jain

Classics

मेरा हिन्दुस्तान

मेरा हिन्दुस्तान

1 min
367

मेरी आन बान शान,मेरा वतन,

मेरा हिन्दुस्तान,

गौरवमयी जिसका इतिहास 

वर्तमान भी है ख़ास

विकास संग, संरक्षित विरासत 


दे रहा एक नया आयाम,

 जो था गुलाम कभी

दे रहा आज वैश्विक योगदान,

मेरा वतन,

मेरा हिन्दुस्तान 

चल रहा लेकर जो 

सबका हित सबका कल्याण 

बुनियाद को आधार बना


आधुनिकता को दे रहा नया सोपान 

पर्यावरण,ऊर्जा, डिजिटल 

हर क्षेत्र में नव क्रांति है 

 तोड़ दी हर भा्ंति है 

हर युवा द्ढ संकल्पित हैं 


 न कोई गजनी न गौरी 

अब प्रवेश प्रतिबंधित है 

खुल गए प्रगति के द्वार अब

विश्व पटल पर उभरता 

यह स्वर्णिम भारत है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics