क्योंकि मेरे हौसले बुलंद है,,,
क्योंकि मेरे हौसले बुलंद है,,,
जिंदगी मानो एक जंग है,
देखो चहूं ओर यह कितनी तंग है,
फिर भी मेरे अंदर एक उमंग है,
क्योंकि मेरे हौसले बुलंद हैं।
मेरी परेशानियां भी मुझसे तंग है,
जिसे देखकर यह दुनिया भी दंग है,
क्योंकि मेरे हौसले बुलंद है।
कब शुरू हुआ कब खत्म होगा इस पर है विवाद,
न कल कभी आया न आएगा जो भी है वह है आज।
खंडहर से निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं
जब भी ढूंढा तो मिला एक छोटा सुरंग है,
फिर भी मैंने ठाना कि ल़डना मुझे यह जंग है,
क्योंकि मेरे हौसले बुलंद हैं।
जरा मैं भी तो देखूं कौन है खड़ा और कौन गिरकर हुआ अपंग है,
हड्डियां उसकी भी टूट जाएंगी अगर वह जरासंध है,
बाहें फैलाकर कह दूं मैं मुश्किलों से कि मुझे मरना और जीना भी तेरे संग है,
अरे लड़ना तो मुझे यह जंग है, क्योंकि मेरे हौसले बुलंद है।