खुशी के दो पहलू
खुशी के दो पहलू
खुश तो मैं आज भी हूँ
खुश तो मैं कल भी थी
बस इस खुशी के दो पहलू हैं
आज की खुशी एक दिखावा है
बीते हुए कल की खुशी एक सच्चाई थी
आज की खुशी लोगों से सच्चाई छुपाने के लिये है
बीते हुए कल की खुशी लोगो से सच्चाई बताने के लिये थी
आज की खुशी वो दर्द भरे आँसू छुपाने की कोशिश है
बीते हुए कल की खुशी दिल से निकले सुकून की थी
आज की खुशी जिंदा रहने का दिलासा है
बीते हुए कल की खुशी जिंदा रहने की चाहत थी
आज की खुशी चेहेरे पे चढ़ाया हुआ मुखौटा है
बीते हुए कल की खुशी बिना नकाब की मुस्कुराती तस्वीर