शायद.....पता नहीं !
शायद.....पता नहीं !
आज दिल दुखाया बहुत
अपना भी और उसका भी
क्या पता था..!
दिल टूटेगा क्या पता था
उसका साथ यूँ मुझसे छूटेगा
प्यार करता हूँ दिल से
ताउम्र, उम्र
कब तक ?
साँसे आज हैं कल नहीं
शायद पता नहीं !
दिल में धड़कन आज है कल नहीं,
शायद पता नहीं !
हुआ रोग कुछ ऐसा,
ज़िंदा तो हूँ आज कल नहीं,
शायद पता नहीं !
दिल पे वार कर तोड़ दिया दिल,
उसके लिए,
उसके कल के लिए,
कैन्सर से हुई दोस्ती जबसे,
छोड़ दिया सबको सोनिया तब से,
ख़ुद के लिए उनको उनके लिए,
आँखें नम दिल रोए,
अकेले ही हम इस दर्द में खोए,
ज़िंदगी ज़िंदगी आज है कल नहीं,
शायद पता नहीं।।