पुलवामा शहीदों को नमन
पुलवामा शहीदों को नमन
डर नहीं है जहाँँ इश्क़ के बदनाम हो जाने का,
गुरूर बहुत होता है जनाब प्यार वतन से।
निभाने का दिल बहुत करता है इस मिट्टी को
महबूब बताने का मौका हम भी चाहते हैं।
सरहद पर मर जाने का सौभाग्य है जिनको
हक मिला कफन-ए-तिरंगे में आने का गुरूर ।
जनाब प्यार वतन से निभाने का
जननी माँ के आँँचल से बिछड़े
माँ धरती गले लगाती है।
निकले माँ की आँँखों से आँँसू माँ धरती दूध पिलाती है
सीने में दधकती आग लिए करे इंतज़ार।
नाम शहीदों में लिखवाने का गुरूर बहुत होता है
जनाब प्यार वतन से निभाने का।।