एक नया सवेरा..
एक नया सवेरा..
सपने टूट के बिखरते हैं,
साया भी हमेशा अपना नजर चुराती है,
गम के बादल जिंदगी के पन्नों में
बिजलियां की तरह कड़कने लगते हैं।
पर ये नहीं तेरे जिंदगी की दास्तान...
जिंदगी के कोई एक पन्नों में
ढूंढना है तुझे एक नया बसेरा।
क्यूं की आज भी मुझे यकीन है,
हर अंधेरे के बाद है एक नया सवेरा।
एक नया सवेरा।
एक नया सवेरा।
तेरा हुनर ही तेरी ताकत है,
जो किसी का मोहताज नहीं,
बस तवज्जोह देना है उस चाहत को..
जो पत-झड़ में भी एहसास दिलाए,
मधुबन की हरियाली को..
तेरे हुनर से मुकम्मल होगी
तेरी परियों की दुनिया,
फिर से खिल उठेगा तेरे मन के आंगन में खुशियों की कलियां..
कर गुजर जा कुछ ए-दोस्त जो करे जग उजियारा,
क्यूं की आज भी मुझे यकीन है, हर अंधकार के बाद है एक नया सवेरा..
एक नया सवेरा..
ठहरना नहीं है तुझे इस अंधकार भरी तूफान में,
चलते ही रहना तुझे मंजिल के उजालों के और...
सहारा बनाना है तुझे किसी राह भटकती मुसाफिर का,
बदलना है तुझे उस की मायूसी का दौर...
जज्बातों के सैलाब में बह जाना नहीं है तुझे,
बनाना है तुझे उस डूबती हुई कश्ती का किनारा...
तसव्वुर नहीं ये हकीकत है मेरे दोस्त,
क्यूं की आज भी मुझे यकीन है हर अंधेरे के बाद है एक नया सवेरा...
एक नया सवेरा....