नसीहत
नसीहत
कोई तरक्की से जलेगा पर तु बेफ्रिक रहना,
जमाना नया है जरा इशारों को समझना,
दुश्मन बहुत हों भले परवाह न करना,
मतलब की दोस्ती से जरा सम्भल कर रहना।
बस कुछ वक्त के लिए मिली है जिन्दगी,
क्या पता कितने दिन की और मेहमान होगी,
दौलत शोहरत शान शौकत नाम होगा,
क्या पता और कितने दिन तक मेहरबान होगी।
नया कुछ करने का एक जज्बा सा रखना,
नदी से अनवरत चलने का इरादा सा रखना,
दुनियां फरेबी है, चालाकी की कला जानती है,
तुम नकाबपोशों के चेहरे पढ़ने का हुनर रखना।
शौक से आयेंगे लोग तेरी खुशियों में सरीक होने,
तुम उनके हर गम में सहारा बन कर रहना,
यहां ना इन्सान की कीमत है ना जज्बातों की,
तु खुद ही हर मुसीबत से खुद को जुदा रखना।