मन क्या कहे
मन क्या कहे
तेरा मेरा मन क्या कहे,
हम दोनों में प्यार रहे,
तेरा मेरा मन क्या चाहे ,
हम दोनों का साथ रहे
तुम मेरे सुमन हो ,
तुम मेरे चमन हो ,
तुम मेरे सनम हो,
तुम मेरे बलम हो
तुम आई तो फैला उजाला,
नूर से हुआ ज़िंदगी निराला,
मुझे तुमने बनाया जोशीला,
मैं बना मतवाला दिलवाला
तेरी आँखें हैं बड़ी नशीली,
छुपी हुई है जिसमें पहेली,
अगर मुझे तुम नहीं मिली,
खोजूं तुम्हें तब गली गली
हमारा प्यार ऐसे ही क़ायम रहे,
हमारा सुनहरा संसार सुन्दर रहे,
हमारा ये अपनापन बरक़रार रहे,
हमारा मन हमेशा यही कहता रहे ।