संविधान !
संविधान !
एक पुस्तक
जिसनें रखा सबका ध्यान
दिया बराबरी का सम्मान
सभी धर्म जिसमें हैं समान
बाबा ने दिया जिसमें योगदान
बनाया क़ानूनों का विधान
2 वर्ष 11 माह 18 दिन,
जो बनाता है इसे महान
फिर भी न मानता ये इंसान
तोड़ता क़ानूनों का विधान
करता अपनों को ही परेशान
फिर क्या करे ये संविधान।