आह्वान
आह्वान
उठो,
क्यों गुम हो अंधेरों में
झटक डालो।
खुद पर पड़ी मिट्टी
सर उठाकर देखो जरा,
रौशनी की एक किरण
जगमगा रही है ऊपर।
एक नई कोंपल
बस जन्म लेने ही वाली है।
उठो,
क्यों गुम हो अंधेरों में
झटक डालो।
खुद पर पड़ी मिट्टी
सर उठाकर देखो जरा,
रौशनी की एक किरण
जगमगा रही है ऊपर।
एक नई कोंपल
बस जन्म लेने ही वाली है।