अभिनय
अभिनय
अभिनय तो किया,
तुम्हें भूलने का।
एक बारिश ने,
सारे राज खोल दिए।
बनाना था एक घरौंदा,
लेकर तुम्हें।
शर्त थी तुम्हारी,
तुम ताज बोल दिए ।
बाँसुरी ही बहुत थी,
राधा के लिए।
संगीत न बना,
हर साज़ खोल दिए।
हौसला था,
जीयेंगे सावन को।
जेठ जो देखा,
अलविदा बोल दिए ।