श्रीमान की श्रीमती
श्रीमान की श्रीमती
इस श्रीमान की
श्रीमती हो तुम
हीरे से भी ज्यादा
क़ीमती हो तुम
इस श्रीमान की
श्रीमती हो तुम
कभी कहूं थोड़ी शक्कर कम है
तो मुँह बनाती हो
कभी कहूं थोडा नमक ज्यादा है
तो रूत जाती हो
संसार के कड़वे सच का मधुर रस हो तुम
इस श्रीमान की
श्रीमती हो तुम
करते हो गिला के कभी हम
प्यार नहीं जताते
छुप-छुप कर हॅसते है
दिल की बात नही बताते
किससे जोड़े मुल्य तुम्हारा
अंधियरे का साथ देख उजियारे का
झरोखा ले आती हो तुम
इस श्रीमान की
श्रीमती हो तुम