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Dharitri Mallick

Inspirational

5.0  

Dharitri Mallick

Inspirational

बीच समंदर मैं फंसी हूँ

बीच समंदर मैं फंसी हूँ

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बीच समंदर मैं फंसी हूँ ...

तूफां के साथ लड़ रही हूँ. ...

ज़िंदगी के नाव मैं सब बैठे थे ...

छोड़ दिए सब साथ मेरा ...

लगा जब नाव डूबने वाली है ...

बीच समंदर में ।।


मैं लगी थी नाव के छेद बंद करने में ...

तो पहले अपनों ने छोड़ दिया साथ मेरा ...

कर दिया किनारा किसी और

नाव में होके सवार। ।।


सिर्फ माँ का था आशीर्वाद साथ मेरे ...

सब चले गये लेकिन माँ बैठी रही ~~

उसी टूटे नाव में साथ मेरे ~~


उसी टूटी नाव को में चला रही हूँ ~~

बीच समंदर मैं फंसी हूँ ~~

न पूरी डूब रहीं हूँ ~~

न ही किनारा मिल रहा है ~~

अभी भी बीच समंदर मैं ~~

तूफां के साथ लड़ रही हूँ ।।


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