चुहिया की नानी
चुहिया की नानी
एक छबीली चुहिया रानी ,
भरा कान में उसके पानी |
दौड़ी वह डाक्टर के पास,
संग में उसके हो ली सास|
मंकी जी को काम बहुत था,
गली-गली में नाम बहुत था |
बहुत अधिक वे थके हुए थे,
टेबल पर सिर रखे हुए थे |
नर्स को सूझा एक उपाय,
डाक्टर को पिलवाये चाय |
अदरक की तब चाय बनाई,
चीनी भी कुछ अधिक मिलाई|
पी कर बंदर उछला ऐसे ,
खुश होते हैं बच्चे जैसे |
लगा नाचने वह खुश होकर,
लगने लगा डाक्टर जोकर |
फिर चुहिया को पास बुलाया,
कान देख उसको समझाया |
नहीं कान में जाये पानी ,
ध्यान रहे यह चुहिया रानी |