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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Classics Inspirational

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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Classics Inspirational

मेरा प्यारा हिंदुस्तान

मेरा प्यारा हिंदुस्तान

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मेरा प्यारा हिंदुस्तान, विश्व करें जिसका गुणगान।

राम कृष्ण की धरा ये, चाणक्य पैदा हुए महान। 

हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान, प्रीति पुरातन का ये अभिमान।

जिस देश में गंगोत्री बहती, चरण पखारे सागर महान।


शुभ्र ललाट हिमालय इसका चांदी सा मुकुट चमकता है।

नालंदा तक्षशिला शिक्षा के द्वार जगतगुरु जाना जाता है।

भाईचारे की मिसाल ये करे यहां कृष्ण भक्ति रसखान।

स्वरों की कर साधना ऑस्कर लाते देश में रहमान।


3 रंगों का तिरंगा प्यारा ,भारत का है स्वाभिमान।

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई गीता बाईबिल और कुरान।

देवभूमि तपस्थली संतो की , जपते चारो वेद पुराण।

शस्य श्यामला पावन रज जिसकी ऐसी अभिराम।


योग-भोग के दर्शन होते हैं कहां और निष्काम ?

क्षमा दया करुणा ममता समता का भाव ललाम। 

दर्पण संस्कृति व संस्कारों का जो करता है सम्मान।

चांद मंगल में पहुंच यानों से बनाता नव  आयाम।


ये पुण्यभूमि खान है भारत के सच्चे वीर सपूतों की।

जो कोई आंख उठा कर देखे, हो जाते हैं कुर्बान।

इसके कण-कण में श्रमांकुर फूटते ये मेरे सपनों का जहान।

मेरी जान, मेरा मान, शान व पहचान प्यारा हिन्दुस्तान। 


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