Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sonam Kewat

Abstract

3.4  

Sonam Kewat

Abstract

मुझे माफ करना

मुझे माफ करना

1 min
437


तुझे खोना नहीं चाहता इसलिए,

कसकर बाहों में जकड़ रहा हूं।

हां सच है कि आज आखरी बार

मैं तेरा हाथ पकड़ रहा हूं।


बस अचानक ही पता चला कि,

मेरे लिए शादी का पैगाम आया है।

सब कुछ तय होने के बाद,

मेरे घरवालों ने मुझे बताया है।


तुम्हारे बारे में बताया तो कहने लगे,

कि लड़का हाथ से निकल गया है।

अगर मैंने उनका कहा ना किया तो,

समझेंगे उनका लड़का मर गया हैं।


तुम्हारे कदमों से कदम मिलाकर

आज आखरी बार चल रहा हूं।

मुझे माफ करना तुम्हें बिना बताए,

मैं भी ये सब कुछ कर रहा हूं।


क्योंकि मैं अपनी नजरों के सामने,

तुम्हें टूटते हुए देखना नहीं चाहता।

मैं जानता हूं कि तुम्हारा दिल,

मेरे सिवा कुछ और नहीं मांगता।


आज मेरे घर जाने के बाद तुम्हें,

सब कुछ खुद पता चल जाएगा।

और मेरे प्यार का अधूरा किस्सा,

तुम्हारी जिंदगी से निकल जाएगा


दर्द तो होगा तुम्हें काफी इसलिए,

पछतावे की आग में जल रहा हूं।

मुझे माफ करना तुम्हें बिना बताए,

मैं भी ये सब कुछ कर रहा हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract