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सोनी गुप्ता

Abstract Children Stories Children

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सोनी गुप्ता

Abstract Children Stories Children

परियों की कहानी

परियों की कहानी

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दादी से आज ये गुहार लगाई, 

सुनाओ हमको कोई एक कहानी, 

ना हो कोई शैतान-सा अकड़ु वो राजा, 

और ना ही हो कोई उसमें बेचारी सी रानी, 

कुछ अलग परियों की उस दुनिया में ले चलो 

जहाँ टिमटिमाते तारे और हो चांद सितारे प्यारे,

दादी आज हमें सुना दो सुंदर परियों की वो कहानी I


दादी ने अपनी आंखें मटकाई, 

आंखों की पुतली इधर-उधर घुमाई, 

झट से समझ गई बच्चों के मन की बात, 

दादी ने तो खोल दिया कहानियों का पिटारा

अपने पिटारे से एक सुंदर जादुई छड़ी दिखाई, 

जादुई छड़ी देख वहाँ खड़े बच्चे झट से बोल पड़े, 

दादी आज हमें सुना दो सुंदर परियों की वो कहानी I


दादी ने सुनाई परियों की कहानी, 

जिसमें थी सुंदर-सी परियों की रानी, 

उस कहानी में कुछ बच्चे थे बड़े शैतान, 

नहीं सुनते किसी कि करते अपनी मनमानी, 

मम्मी -पापा ने जब उनको जोरों की डांट लगाई, 

घर छोड़कर गुस्से में, निकल गए थे वे सब बाहर, 

फिर क्या मिल गई उनको रास्ते में वो परियों की रानी I


तभी दादी को आ गई झपकी, 

शोर मचा दिया बच्चों की टोली ने, 

दादी झट उठ बोली आज बहुत थक गई, 

अब तो कल सुनाऊंगी तुम्हें पूरी ये कहानी, 

दादी हम आपको ना सोने देंगे करो कहानी पूरी, 

सुन दो, वरना कल से हम भी करेंगे पढ़ाई अधूरी, 

दादी आज हमें सुना दो, सुंदर परियों की वो कहानी I


बच्चों के शोर से दादी घबराई, 

बोली अच्छा तो फिर सुनाती हूँ, 

आगे कहानी में एक नया मोड़ आया, 

बच्चों के संग चल रहा था परियों का साया, 

हक्के बक्के रह गए बच्चे देखकर सुंदर परियाँ, 

कहते हम ना घर जाएंगे बिछा दो यहीं पर दरिया, 

परियों ने बहुत समझाया माता पिता का मोल बतायाI


बड़े ध्यान से बच्चों ने समझी बात, 

हम ना करेंगे ऐसी गलती हमें कर दो माफ, 

बच्चे थे थोड़े घबराए अब हम कैसे घर जाएंगे, 

बहुत दूर निकल गए हैं, रास्ता हम भटक गए हैं, 

तभी वहाँ झट से सभी परियों ने अपनी छड़ी घुमाई, 

सभी पहुंचे अपने घर, घरवालों की जान में जान आई, 

दादी हम भी अपने माता-पिता से कभी ना होंगे नाराज, 

खत्म हुई परियों की कहानी, सबने जोर से ताली बजाईI


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