STORYMIRROR

Ganesh G Shivlad

Romance Fantasy

4  

Ganesh G Shivlad

Romance Fantasy

ओल्या सांजवेळी...!

ओल्या सांजवेळी...!

1 min
458

याद आली सखे आज, 

तुझी ओल्या सांज वेळी..!

व्हावी भेट तुझी राणी, 

आज गर्द रान माळी..!


तुझे येणे भासे प्रिये, 

जशी प्रभा नवी तान्ही..!

शोभे अशी संध्या रम्य, 

संगे वारा गाई गाणी..!


सरे सांज होय तमा, 

येई चंद्र कोर नभा..!

घडे गूज संगे रमा, 

निशी भासे तेज प्रभा..!


अशा मद मस्त राती, 

तन मन हरे गात्री..!

भिने नशा होई घात, 

सोडू नको बाण नेत्री..!


फुले हृदयी प्रीत चाफा, 

वाहे रात राणी गंध..!

भुले विश्व तुझी मिठी, 

श्वास होई मंद धुंद..!


चंद्र मुखी तुझी काया, 

सैल केसा आड दडे..!

खळी गाली दिसे जेव्हां, 

भुल वेड्या जीवा पडे..!



Rate this content
Log in

Similar marathi poem from Romance