मोरी लाडकी पुतणी (पोवारी)
मोरी लाडकी पुतणी (पोवारी)
भाऊ मोरो निलकंठ
अना वहिनी नेतन |
पोट इनको जलमी
ताई आमरी रतन ||१||
मोठो कुटुंब आमरो
सब भया समाधानी |
होती खुबच सुंदर
जसी दिस परीवानी ||२||
मोरी लाडकी पुतणी
नाव ठेयेव मी ऊषा |
ताई कव्हत सप्पाई
दुयी घरकी वा आशा ||३||
ओम-प्रकाश उमेश
जसा राम लक्षुमन |
दुयी भाईको रव्हसे
समाजमा मानपान ||४||
बालपण पासूनच
होता हुशार लक्षण |
एम ए बी एड वरी
भयो ताईको शिक्षण ||५||
लगी ताईला नौकरी
दुर शाळामा शिक्षक |
ताई संगमाच रही
माय बनके रक्षक ||६||
बीया भयेव ताईको
भेट्या संतोष जवाई |
गुणी गणित शिक्षक
सेत ज्ञानमा सवाई ||७||
सासु सुसरो करती
मायबाप वानी लाळ |
दिवो वंशको आयेव
बनशानी युग बाळ ||८||
जब आठवीमा होती
ओकी विस्तारीत सोच |
लिखी होतीस ताईन्
स्वप्न लेख पयलोच ||९||
छंद कविता लेखन
अना गीतको गायन |
कर चिंतन मनन
कथा कहाणी वाचन ||१०||
शिक्षणको प्रवाहमा
टुरू पोटूला आनसे |
पालकला शिक्षणको
ताई महत्त्व सांगसे ||११||
होये साहित्य निर्मिती
तोरो हात निर्विवाद |
कृपा वाग्देवीकी तोला
काकाजीको आशिर्वाद ||१२||
