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Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract

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Govardhan Bisen 'Gokul'

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बनू दिवोसाती बाती

बनू दिवोसाती बाती

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सोडशान तलवार, धऱ्या नांगर दतार |

नेंग दस्तूर जपके, कऱ्या पालन संस्कार ||१||


बैनगंगा आँचलमा, बसी संस्कृती धारकी |

जितं ऊतं लहराती, खेती चोवं पोवारकी ||२||


मायबोली पोवारीको, होतो येवढ़ो दरारा |

होता बोलत पोवारी, आड़ीजात लोक सारा ||३||


शहरको संस्कृतीमा, भयी लुप्तप्राय बोली |

करू संवर्धन येको, भरू कवितालं ढोली ||४||


देन उजारो बोलीला, बनू दिवोसाती बाती |

मोरो इमान पोवारी, येनं मायबोलीसाती ||५|| 


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લોગિન

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