देवी शक्ती
देवी शक्ती
जेव्हा फिरे देवता दीन हीन
तेव्हा जाग झाली स्त्री शक्ती...!
देवी ने केला संघर्ष मोठा
आठ्वु ती महामाया मधू कैटभ संहारीणी..!
स्वर्गचा एन्द्र होवोनि बसला महिषासूर
तेव्हा होऊनी दुर्गा प्रगटलि....!
केला संहार शूंभ निशुंभ चा
त्रिलोक हितकर्ती भद्रकाली प्रागटलि...!
जन्म घेवूनी हिमालयी अम्बिका
झाली कौशिकी मारुनि चंड मुंड ती देवी...!
शताक्षी चमुंडा झाली संहार केला
रक्तबीज होऊनी कलिका प्रगटलि...!
ती देवीची शक्ती स्त्री आपण
करु ती शक्ती चा जागर...!
