Anita Jain

Abstract

2.5  

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युवा शक्ति का आह्वान

युवा शक्ति का आह्वान

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मेरे तेरे सपनों की

है कर्मभूमि

ये माँ भारती

कहें, सब इसे

पावन जन्मभूमि

युवा एक आहवान

तुम्हारे नाम

करती हूँ मैं

माँ भारती आज

तडप रही

अपने ही बच्चों से

घायल हर पल

हो रही,

रो रही  देखो,

हो बेबस, रो रही

तुम्हें पीर इसकी

हरनी है

ले शपथ, तुम

आगे बढो!!

कन्या भ्रूण हत्या?

गरीबी, अशिक्षा

बाल विवाह, लिंग भेद

बेरोजगारी, आतंकवाद

जातिवाद, भीख, भूखमरी

इन सब यक्ष प्रश्नों के

उत्तर देकर माँ

माँ भारती का

सम्मान करो

कुरीतियों को जड़ समूल

उखाड़ फैको

सोने की चिडिया

ऋषि-मुनियों

की बगिया थी

खोया रूप दिला दो

वापस इसका

नदियाँ हो रही विशैली

सूख रहे सब ताल-तलैया

प्रदूषित सारी प्राणवायु

तड़फ़ रहे

जीवन स्नायु

कर्म तुम पहचान कर

परिवर्तन की इक

नई लहर चला दो

कर जत्न कुछ

इस धरा के कष्ट

हरो, नवनिर्माण करो

सब मिलकर

नवनिर्माण करो

माँ भारती को

प्रसन्न करो

कुरीतियों को दूर करो

 


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