सामंत कुमार झा 'साहित्य'

Romance

4  

सामंत कुमार झा 'साहित्य'

Romance

योगिता

योगिता

4 mins
270


मै और वो एक ही ट्यूशन में पढ़ते थे हालांकि मै वहाँ छठी कक्षा से ही पढ़ रहा था और उसने आठवीं कक्षा  में ट्यूशन वहाँ से लेना शुरू किया था। शुरू में जब उसने जॉइन किया था तब तो मुझे ये पता भी नहीं था कि वो यहाँ पढ़ती है क्योंकि हालांकि हम थे तो एक ही क्लास में हम दोनो ही उस समय आठवीं में पढ़ रहे थे पर हम दोनो का स्कूल अलग-अलग था शायद इसी कारण हमारा ट्यूशन का समय अलग-अलग था।

जब मै उसे पहली बार मिला तब सर्दियों के दिन थे तभी से मै और वो आमने-सामने बैठते थे। उस ट्यूशन में ज्यादा जगह तो थी नहीं वैसे भी दिल्ली के ट्यूशन्स के बारे में क्या ही कहा जाए। दिल्ली के ट्यूशन्स मे भले पढ़ाई अच्छी होती हो या नहीं पर जगह की तो कमी होती ही है। वहाँ एक टेबल था जिसके दो तरफ सारे स्टूडेंट्स और हमारी टीचर बैठती थी तो इस तरह वो और मैं आमने-सामने बैठते थे। हालांकि उसका नाम मुझे अभी तक पता नहीं था और मुझे उसका नाम जानने और उससे बात करने मे कोई रुचि नहीं थी। पर जब मैडम उसे बुलाती थी तो इसी से मुझे नाम पता चल गया। हालांकि वो मुझे अब भी न अच्छी लगती थी न उससे बात करने में मेरी कोई रुचि थी।

पता नहीं बात करने की शुरुआत कैसे हुई और किसने की पर शायद मैंने उससे बात करना तब शुरू किया जब मैंने उसे किसी सवाल मे अटकने पर मदद की। इस घटना के बाद तो हमारी बाते शुरू हो गई हालांकि शुरू में तो कम ही बाते करते थे। धीरे-धीरे मैं और योगिता खुलकर बातें करने लगे और बहुत अच्छे दोस्त बन गए। कभी-कभार मै उसकी टेस्ट में भी मदद कर देता था और अगर मुझे नहीं आता तो काॅपी में से नकल करके बता देता था हालांकि ये गलत था पर कहते हैं न प्यार और जंग मे सब जायज है किंतु अभी मुझे उससे प्यार नहीं हुआ था।

अब मेरी और योगिता की दोस्ती इतनी अच्छी हो गई थी कि हम दोनो पढ़ाई छोड़कर बाते करते रहते थे। वो मुझे अपने बारे में कुछ बताती मैं उसे अपने बारे में कुछ बताता और अगर मै पढ़ रहा होता और योगिता का मुझसे बात करने का मन करता तो वो टेबल के नीचे से मेरे पैर पर पैर मारती और मै इशारा समझ जाता और पढ़ाई छोड़कर उससे बातें करने लगता कई बार तो टीचर कुछ समझा रही होती और हम दोनों बातें कर रहे होते जिस कारण हमें दूर-दूर बैठा दिया जाता।


धीरे-धीरे मुझे उससे प्यार होने लगा था पर ये बात मैंने हिन्दी फिल्मों के हीरो की तरह दिल में ही रखी और ये जानने की कोशिश करने लगा की वो मुझे प्यार करती है या नहीं। धीरे-धीरे मुझे उसकी बातों से ये एहसास हो गया कि वो भी मुझसे प्यार करती है और फिर हम दोनो ने एक-दूसरे से प्यार का इजहार किया। अब हम दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे पर ये बात ट्यूशन में न किसी को पता थी और हम चाहते थे किसी को पता भी न चलें। हम दोनों ने ही एक-दूसरे का घर नहीं देखा था क्योंकि हम ये बात किसी को नहीं पता लगने देना चाहते थे।

हम दोनो वैलेंटाइन डे पर एक-दूसरे को गिफ्ट भी नहीं देते थे ताकि किसी को इस बारे में पता न चले। दिन बीतने के साथ हमारा प्यार बढ़ता ही जा रहा था। मुझे अब उस ट्यूशन की पढ़ाई समझ में आना बंद हो गई थी तो मैंने बिना किसी को कुछ बताए ट्यूशन छोड़ दिया यहाँ तक की योगिता को भी नहीं बताया की मै ट्यूशन छोड़ रहा हूँ।

मेरे ट्यूशन छोड़ने के बाद भी वो वहाँ पढ़ती रही पर उदास-उदास रहने लगी और मेरे एक दोस्त से जो उसी ट्यूशन में पढ़ता था मेरे बारे में ही पूछती थी।

हालांकि जब से मैंने ट्यूशन छोड़ा मैंने उसका चेहरा कभी भी नहीं देखा क्योंकि फिर न वो मुझे कभी दिखी न मिली न रास्ते में न कहीं और और न ही मेरे पास उस समय फोन था जो उसकी फोटो होती। हालांकि एक बार उसी ट्यूशन के बाहर उसका इंतजार किया पर वो आई नहीं और मुझे भी देर हो रही थी पर आज भी सोशल मीडिया पर उसे ढूँढता हूँ पर आजतक नहीं मिली पर मेरी कोशिश जारी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance