यह कैसी गोद भराई

यह कैसी गोद भराई

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सुबह से ही मेहमानों का तांता लगा था, गोद भराई थी न कुसुम की, नौकरी के लिए प्रयासरत थी कि पापा ने कानपुर में अच्छे व्यवसायी अविनाश से रिश्ता तय कर दिया ।

चाचाजी चट मंगनी व पट ब्याह रचाने की योजना बना ही रहे थे कि इससे पूर्व सासु मां पांच फलों से गोद भराई की रस्म अदा कर रिश्ता करके गईं ही थी कि खबर आई कि वे दहेज़ मांग रहे हैं। सुनते ही मैं बाहर आई कुसुम से मिलने व यहां रिश्ता न करने के फैसले के साथ लोभियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।


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