STORYMIRROR

Mukta Sahay

Tragedy

4  

Mukta Sahay

Tragedy

व्यथा

व्यथा

2 mins
213

कविता और काश्वी बातें करते हॉस्टल से काफ़ी दूर निकल आए थे। आज की रात ही बस इनके पास थी क्योंकि कल सुबह कविता के घर वाले उसे हमेशा के लिए वापस ले जाएँगे। वो भी उसकी पढ़ाई अधूरी छूड़ा कर।

दोनो पिछले चार सालों कि पुरानी यादों को साथ-साथ जी रहीं थी और कविता के भविष्य के लिए चिंतित भी हो रही थी। किसी को नही पता था, कविता की आगे की ज़िंदगी में क्या होने वाला है। घर वालों ने दो दिन पहले बस इतना बताया था कि उसकी शादी तय हो गई है और वह अपने सामान बांध ले वे उसे लेने दो दिन में आने वाले है। कौन है, क्या नाम है,कहाँ रहता है, क्या करता है कुछ भी नही पता है उसे। वह जानती है कोई उसे बताएगा भी नही जब तक वह घर ना पहुँच जाए। काश्वी भी कविता के परिवार के बारे में जितना जानती है उसके अनुसार उसके यहाँ महिलाओं की कोई क़दर नहीं है।

कविता को कालेज में पढ़ने भी इसलिए भेजा गया था क्योंकि उसके परिवार के रुतबे से मेल खाते हर लड़के के परिवार को पढ़ी-लिखी लड़की चाहिए थी। स्नातक की पढ़ाई तक कोई रिश्ता तय नही हो पाया इसलिए आगे कि पढ़ाई चालू रही लेकिन जैसे ही रिश्ता मिला, पढ़ाई का ऐसा अंत हो रहा है।

कविता और काश्वी दोनो ही सहेलियाँ चाहती हैं कि ये रात यही पर थम जाए जब तक वह इस सवाल का हल ना ढूँढ ले कि क्या लड़कियों को किसी और की सोंची ज़िंदगी ही जीना ज़रूरी है, वह क़्यों नही अपने अनुसार जीवन का चुनाव कर सकती हैं। क़्यों उनके लिए सिर्फ़ शादी ही लक्ष्य होता है वो भी किसी और की मर्ज़ी के अनुसार।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy