Unveiling the Enchanting Journey of a 14-Year-Old & Discover Life's Secrets Through 'My Slice of Life'. Grab it NOW!!
Unveiling the Enchanting Journey of a 14-Year-Old & Discover Life's Secrets Through 'My Slice of Life'. Grab it NOW!!

Mukta Sahay

Others

4.5  

Mukta Sahay

Others

रंगों की दुनिया

रंगों की दुनिया

2 mins
395


नीला और सारा रास्ते भर बातें करते आ रहे थे की आज मिसेज़ खन्ना का रंग क्या होगा ! मिसेज़ खन्ना , नीला और सारा के कॉलेज मेंप्राध्यापिका है और वह हर दिन एक ख़ास रंग में सज-सँवर कर आती है । हर दिन ये चर्चा का विषय रहता है की आज वह किस रंग मेंनज़र आएँगी। यह चर्चा सिर्फ़ छात्राओं में ही नहीं उनकी सहकर्मियों की बीच भी चला करती थी ।

जैसे ही नीला और सारा कॉलेज के गेट से अंदर आए तो बस मिसेज़ खन्ना के दीदार हो गए।सावन की हरियाली के बीच हरे रंग की मिसेज़ खन्ना आकर्षण का केंद्र थी । सैकड़ों जोड़ी आँखे उन्ही पर टिकी थी और इस बात से पूरीतरह जानकार मिसेज़ खन्ना इतराती , इठलाती स्टाफ़ रूम की तरफ़ बढ़ रहीं थी। उन्हें भी सभी को आकर्षित करना पसंद था।

साड़ी , जूते , चूड़ी, झूमके, बिंदी, पर्स , फ़ाइल सभी एक जैसे हरे रंग के। लड़कियाँ अब बातें कर रही थी की आज लिपस्टिक भी हरे रंगकी होनी चाहिए थी। बातों बातों में पता लगा आज मिसेज़ खन्ना ने अपने जूड़े में फूल नहीं लगाया है । जब तक लड़कियों के बीच ये बात चली तब तक राजू भैया , स्टाफ़ रूम के पियून , ने कहा मैडम आपका फूल तो कहीं गिर गया है । मिसेज़ खन्ना ने बड़े अन्दाज़ से कहा आज फूल लगाने का मन नहीं था राजू। राजू भचौंका सा मिसेज़ खन्ना को देखता रह गया।


ख़ैर अब सब अपने अपने कामों में लग गए । पहली घंटी भी बज गई । लड़कियाँ कक्षाओं में चली गई थी और प्राध्यापिकाएँ भी कक्षाओंकी ओर बढ़ रहीं थी । मिसेज़ खन्ना भी थी जो पीछे पीछे अपनी अदाओं में लहराती चल रहीं थी ।


नीला और सारा की कक्षा के सामने कॉलेज का सबसे सुंदर फुलवारी है जहाँ अनूठे प्रजाति के फूल देखने को मिलते है और उन्हें तोड़नासख़्त मना है , या यों कहें की एक संगीन अपराध है। नीला और सारा ने देखा की मिसेज़ खन्ना उस फुलवारी के सामने से गुज़रते हुए तिरछी नज़रों से दाएँ-बाएँ देखीं और एक गहरे मरून रंग के फूल को तोड़ अपने जुड़े में सलीक़े से खोस लिया। तभी उधर से भागते हुएरामलाल माली चिल्लाता है "ये क्या मैडम , जुर्माना देना होगा, प्रिन्सिपल साहब ग़ुस्सा करेंगे ।" इसके साथ ही शुरू हो गयी पूरे कॉलेज मेंखूसर-फुसर की गूँज । इधर मिसेज़ खन्ना की तो बस सिट्टी-पिट्टी ही गुम हो गई और इज़्ज़त का तो जो हुआ सो हुआ साथ ही उनकीअदाओं की भी हवा निकल गई।

चलो अब इंतज़ार करते हैं और देखते हैं कल किस रंग पर मिसेज़ खन्ना की नज़रें इनायत होती है ।अब आप भी अपने आसपास हुई ऐसी रोचक घटना को याद कर जी भर के मुस्कुरा ले।


Rate this content
Log in