वो गलत तो नहीं
वो गलत तो नहीं
शादी के बाद जब ससुराल आई तो वो एक भोली भाली प्यारी सी लड़की थी। सबसे आगे पीछे घूमती ढेर सारा काम करती , और हमेशा खुश रहती ।जब वह मां बनी जिम्मेदारियां तो बहुत बढ़ गई थी पर मदद के लिए कोई हाथ आगे नहीं बढ़ा । दूसरे बच्चे के होते ही तो उसका काम और बढ़ गया, और शुरू हो गया ताने और उलाहनों होने का सिलसिला। धीरे धीरे उसे भी आदत पड़ गई पहले तो कहां किसी के जोर से बोल देने पर रो देती थी वो, और अब बस सुनती और मुस्कुरा देती। एक दिन सासु मां ने उसे बोला तुम पूरे दिन करती क्या हो ? अविका की ऑखे छलछला गयी वो और दिनों की तरह चुप नहीं रही। उसने भी कह दिया आपके घर को घर बनाती हूँ मैं ।