वो बचपन के क्षण मि•इंडिया के संग
वो बचपन के क्षण मि•इंडिया के संग
मैं एक अनाथ बच्चा हूँ ,जब मैं छोटा सा था उस समय अरूण अंकल को मंदिर की सीढ़ियों में मिला था तब से ही मैं अरूण अंकल के साथ ही रहता हूँ।उन्होंने मेरा नाम अनमोल रखा है और वे मुझसे बहुत प्यार करते हैं।
अरूण अंकल बहुत अच्छे इंसान हैं, मैं तो उनका जबरदस्त फैन हूँ, वो देखने में जितने सीधे-साधे उतने ही तेज दिमाग और साहसी हैं।
एक राज की बात है जो सिर्फ मुझे ही मालूम है, अरूण अंकल के पिताजी ने उनको एक ऐसा यंत्र दिया है जो कि घड़ी के जैसे दिखता है और उसे पहनने वाला गायब हो जाता है। किसी को दिखाई नहीं देता है, केवल लाल रंग की रोशनी में ही देखा जा सकता है।
अरूण अंकल इस यंत्र के उपयोग से मुगैंबो नामक एक खतरनाक बदमाश को सबक सीखा चुके हैं।
सारी दुनिया में वे ''मिस्टर इंडिया' के नाम से मशहूर हो चुके हैं जो कि किसी को दिखाई नहीं देता है, अरूण अंकल अपने इस यंत्र की मदद से गरीब दुखी जनों की भी मदद करते रहते हैं।
आज अरुण अंकल गोगा नाम के गुंडे को पकड़ने में पुलिस की मदद करने गए हैं। पुलिसवाले भी हमारे ना दिखने वाले मिस्टर इंडिया को बहुत मानती है।