वकील साहिबा
वकील साहिबा
रीना,आज दिन भर के मैराथन जिरह के बाद भी मानसिक और शारीरिक रूप से काफ़ी फ्रैश औरसंतुष्ट दिख रही थी।मानो कई दिनों के पश्चात मेघों का डेरा आसमान से हट गया हो।सूरज कीस्वर्णिम किरणें आकाश से झांक कर उसे आशीष दे रहे हों ।
फ़ोन पर बधाइयों का सिलसिला जारी था।अचानक रीना को लगने लगा था कि वह कोई बड़ीसेलिब्रिटी बन गई हो।बग़ल में बैठे रीना के पति रमन जानते हुए भी अनजान बनने की चेष्टा करतेहुए टी वी के चैनल बदल रहे थे।बधाई देना तो दूर की बात थी।रीना को आशा भी नहीं थी पति से।
मोनी चाय की प्याली रख कर ,कनखियों से रीना को देख मुस्कुरा कर चली गई।मानो कह रही होबहुत- बहुत धन्यवाद वकील मैम।उसे भी पता था आज का दिन कितना महत्वपूर्ण था।उसके औररीना के लिए।
काफ़ी हाई प्रोफ़ाइल केस था आज का…धमकियों….रिश्वत…पॉलिटिक्स…कई तरह के आँधियोंसे लड़कर उसने जीत हासिल की थी।
प्रेस वाले गजेंद्र का फ़ोन देख उठा लिया रीना ने और सुबह आने को कहा लेकिन उन्होंने कहा कि“सुबह के अख़बार में निकालना है …कृपया दस मिनट का बाइट दे दें।”रीना ने हाँ कह कर खुद कोदर्पण में कुछ देर सँवार कर फ़ोन कर दिया।”आ जाइए गजेंद्र जी।”
“यह केस मेरे लिए आसान नहीं था। बीस साल मेरे घर काम करने वाली की बेटी मोनी जो मुझे रोलमॉडल मानती है और उसका भी सपना है कि वह भी मेरी तरह कामयाब वकील बने। मैंने भी सपनादेखा था ।उस सपने को पूरा करना मेरे लिए आसान नहीं था।घर में आए दिन कलह,सास-ससुर,पति की अस्वीकृति के बीच बच्चों की परवरिश के पश्चात मन बनाया और वकालत कीपढ़ाई पूरी की।”
“मोनी ,को मैंने ही राघव मंत्री जी के घर काम करने के लिए भेजा था।वे मेरे रिश्तेदार हैं तो आनाजाना था।लेकिन उनके अय्याश बेटे की गंदी नज़र से बच नहीं पाई।पहले ही दिन मोनी ने मुझे बतादिया।मैंने उसका चुपचाप मेडिकल कराया,सारे सबूत उसके कपड़े आदि सब अपने पास रख करमामला दायर कर दिया।”
आज नतीजा आपके सामने है।
सुबह के अख़बार में मोनी के साथ रीना की तस्वीर और कैप्शन “मंत्री जी के बेटे को सश्रम कड़ीसजा हुई “देख रमन से रहा नहीं गया कहने लगे “वाह !रीना, तुमने तो कमाल कर दिया।लेकिनसावधान रहना।”