स्नातक राँची महाविद्यालय से किया |ब्लॉग ,कहानी एंव कविता लेखन में रूची कई कविता एंव लघुकथा अख़बारों तथा अन्य में प्रकाशित हो चुकी है| एक लघुकथा संकलन-“घरौंदा “प्रकाशित काव्य संग्रह प्रकाशनार्थ।
वो तो लड़की समझदार है।उसी ने अभी चुपके से मुझे एक फ़ोन लाकर दिया है और कहा है कि “मैं ऐ वो तो लड़की समझदार है।उसी ने अभी चुपके से मुझे एक फ़ोन लाकर दिया है और कहा है कि...
सारा कुछ चलचित्र की तरह मानस पटल पर पसर गए। सारा कुछ चलचित्र की तरह मानस पटल पर पसर गए।
मैं तो कुछ नहीं बोलती मेरी सुनता कौन है? बेटे बहू ने ऑपरेशन करवा लिया मैं तो कुछ नहीं बोलती मेरी सुनता कौन है? बेटे बहू ने ऑपरेशन करवा लिया
घर की बेटी ने आज पूरे देश में अपना डंका बजा दिया था। घर की बेटी ने आज पूरे देश में अपना डंका बजा दिया था।
नेहा, शादी के नाम से ही चिढ़ जाती थी लेकिन माँ के जिद के आगे उसे झुकना पड़ा। नेहा, शादी के नाम से ही चिढ़ जाती थी लेकिन माँ के जिद के आगे उसे झुकना पड़ा।
मंगरी, एक लोटा पानी लाव…बाबू की आवाज़ को अनसुना कर मंगरी माई पर बरस पड़ी मंगरी, एक लोटा पानी लाव…बाबू की आवाज़ को अनसुना कर मंगरी माई पर बरस पड़ी
सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होगी…यही कहती थी ना तू! सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होगी…यही कहती थी ना तू!
छठी मइया खोलि न हो केवड़िया दरश्नवा देही नाऽऽऽइ छठी मइया खोलि न हो केवड़िया दरश्नवा देही नाऽऽऽइ
घर लौटते वक्त तीनों के चेहरे पर प्रकृति पर्व का उल्लास साफ़ -साफ़ झलक रहा था। घर लौटते वक्त तीनों के चेहरे पर प्रकृति पर्व का उल्लास साफ़ -साफ़ झलक रहा था।
देख मँझली जो कुछ सिखाया है, उससे सबका दिल जितने की कोशिश करना। देख मँझली जो कुछ सिखाया है, उससे सबका दिल जितने की कोशिश करना।