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डॉ0 साधना सचान

Tragedy

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डॉ0 साधना सचान

Tragedy

विनाश के बीज

विनाश के बीज

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दाना लेकर लौटी कबूतरी ने अपना टूटा आशियाना और कटा हुआ पेड़ देखा तो उसके होश उड़ गए। उसने कड़कती धूप से अपने परिवार को बचाने के लिए पत्ते की छाँव कर दी।उसके बच्चे ने पूछा-"माँ हम अब कहाँ रहेंगे?"

कबूतरी ने उसे समझाया -तुम चिन्ता मत करो। हम अपना आशियाना कहीं भी बना लेंगे पर मनुष्य प्रकृति को उजाड़कर जो कंक्रीट के जंगल उगा रहा है ,उसे नहीं पता है कि वह अपने लिए विनाश के बीज बो रहा है।


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