डॉ0 साधना सचान

Tragedy

4.0  

डॉ0 साधना सचान

Tragedy

विनाश के बीज

विनाश के बीज

1 min
202


दाना लेकर लौटी कबूतरी ने अपना टूटा आशियाना और कटा हुआ पेड़ देखा तो उसके होश उड़ गए। उसने कड़कती धूप से अपने परिवार को बचाने के लिए पत्ते की छाँव कर दी।उसके बच्चे ने पूछा-"माँ हम अब कहाँ रहेंगे?"

कबूतरी ने उसे समझाया -तुम चिन्ता मत करो। हम अपना आशियाना कहीं भी बना लेंगे पर मनुष्य प्रकृति को उजाड़कर जो कंक्रीट के जंगल उगा रहा है ,उसे नहीं पता है कि वह अपने लिए विनाश के बीज बो रहा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy