डॉ0 साधना सचान

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3.5  

डॉ0 साधना सचान

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मुद्दे की बात

मुद्दे की बात

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अर्जुन अपनी बेटी की शादी की बात पक्की करने अमित के घर पहुँचे। आवभगत के बाद घर के लोग बैठक में शादी की बात और तैयारी हेतु इकट्ठा हुए।अमित के पिता जी बोले -अमित और नेहा एक दूसरे को पसन्द करते हैं, एक ही कम्पनी में नौकरी भी है दोनों की। भला हमें इस रिश्ते से क्या एतराज़ हो सकता है। हमारी तरफ से हाँ है लेकिन मुद्दे की बात हो जाए तो ठीक रहेगा।

मैं आपकी बात का आशय नहीं समझा? अर्जुन ने कहा।

मैं रिश्ते के लिए आया था, सौदा करने के लिए नहीं। इतना कहकर वहाँ से चल दिये।


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