पिता वह छाता है जो जिसके नीचे परिवार महफूज रहता है। पिता वह छाता है जो जिसके नीचे परिवार महफूज रहता है।
पहरेदार मूर्तियों के काफी नजदीक एक बड़ा असहाय विकलांग बैठा था। पहरेदार मूर्तियों के काफी नजदीक एक बड़ा असहाय विकलांग बैठा था।
भला हमें इस रिश्ते से क्या एतराज़ हो सकता है भला हमें इस रिश्ते से क्या एतराज़ हो सकता है
अपने अंदर के ठहरे हुये आदमी से कोई बात भी नहीं करता अपने अंदर के ठहरे हुये आदमी से कोई बात भी नहीं करता