Vibha Rani Shrivastava

Tragedy

3.4  

Vibha Rani Shrivastava

Tragedy

वीरमणि

वीरमणि

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"लगता है मेरे दिमाग का नस फट जाएगा। जब मुझसे पलटवार करना कठिन हो जाता है तो मेरी स्थिति ऐसी ही हो जाती है।"

"अरे ऐसा क्या हो गया जो तू इतने तनाव में है ! किसी ने कुछ कह दिया क्या। मुझे बताओ कि क्या बात हो गयी ?"

"आज दूसरी बार हमें कहा गया कि हमारे गुरु/अभिभावक/बाबा पंजाब के जड़ थे। वट बिहार को मिल गया।"

"इसमें गलत क्या कहा गया है ? सच्चाई को स्वीकार कर लेना सीख लें।"

"क्या हम इन्सानों के हाथ में कुछ हो पाता है..? सबकुछ वक्त और नियति तय करते हैं..। कहने वाले अपने को बहुत ऊँची चीज साबित करना चाह रहे हैं। यदि हम यह कहें कि उनका नसीब बिहार ले लाया। उस दौरान सभी बातों का सूक्ष्म निरीक्षण किया जाए तो सत्य विध्वंस दिखलायी देगा। "अरे छोड़ो न ! जिसका दाना-पानी जहां लिखा होता है।"


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