Vimla Jain

Tragedy Action Children

4.1  

Vimla Jain

Tragedy Action Children

वह भयानक रात सुखद अंत

वह भयानक रात सुखद अंत

2 mins
338


बहुत छोटे थे उस समय की बात है। हमारे एक फ्रेंड के दो ट्विंस भाई थे। दोनों में एक शांत था ।

एक थोड़ा शैतान था।

जो शैतान था उसको स्कूल में डांट/ मार पड़ी ।

सब लोग घर पहुंच गए थे सुबह से शाम हो गई, शाम से रात हो गई।

अब तो सब को डर लगने लगा कि बच्चा कहां गया ।

सब जगह ढूंढें रात में भी रात धीरे-धीरे गहराती जा रही थी पेड़ों की आवाज में साईं साईं करके और डरा रही थी और डरावनी होती जा रही थी और घरवालों को लगे बच्चा कहीं डर ना जाए परेशान ना हो जाए कहां गया सब बहुत दुखी ।

जब वह कहीं नहीं दिखा तो सोचा उसको पुलिस कंप्लेंट करेंगे।

सभी घरवालों ने विचारा।

बाकी सब जगह तो देख लिया है।

यह बच्चा कहीं जाने जैसा नहीं है।

अब क्या करें आस पड़ोस में पूछ लिया।

रिश्तेदारों की पूछ लिया कहीं कोई उठाकर तो नहीं ले गया ।

और सबके मन घबरा रहे थे।

तभी उसके जुड़वा भाई को ख्याल आया अपने बाकी सब जगह देखा वह भागने जैसा तो नहीं लगता है। कहीं बिस्तर के नीचे पलंग के नीचे ही तो छिप के नहीं बैठा है?

कहीं वही तो नहीं है?

रात के दो 3 बजे उन लोगों ने पूरा घर ढूंढा।

तो वह लड़का एक पुरानी चारपाई के नीचे चद्दर ओढ़ कर आराम से सो रहा था।

तब घर वालों की जान में जान आई। उसको बाहर निकाला पहले तो उसकी मां ने एक थप्पड़ मारी।

उसके बाद उसको गले लगाया।

फिर सब ने पूछा उससे तो उसने बताया इसके मास्टर ने बोला था मैं घर पर शिकायत करूंगा और मार भी लगाई थी मुझे डर लगा इसलिए मैं पलंग के नीचे आ कर के बैठा और मुझे कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं लगा। खैर घरवालों के जान में जान आई और उन्होंने उसको समझाया कभी भी ऐसा मत करना। रात के 3:00 बजे उनके भयानक रात का सुखद अंत हुआ।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy