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Vimla Jain

Tragedy Action Others

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Vimla Jain

Tragedy Action Others

वह ऐसा कैसे कर सकती है

वह ऐसा कैसे कर सकती है

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एक व्यावसायिक महिला थी।

नई नई शादी होकर आई थी सब में काफी घुल मिल गई थी

काफी होशियार बातों में समझदार अपने काम में भी बहुत होशियार थी। और सबकी काफी अच्छे दोस्त भी बन गई थी।

बड़ी अच्छी अच्छी बातें करती थी। सब लोगों को उसका काम पसंद आता था

एक समय की बात है उन लोगों शाम को किसी के यहां खाना खाने जाना था।

वह ऑफिस से आई चार-पांच दिन से की उसकी बाई नहीं आ रही थी।

रसोई का सिंक पूरा बर्तन से भरा हुआ था।

वो रसोई में गई बाहर से उसके पति आवाज़ लगा रहे थे कि चलो अपने को वहां खाना खाने जाना है।

जल्दी तैयार हो जाओ उसने कहा आती हूं।

जब 1 घंटे तक बार-बार आवाज लगाने पर भी वह बाहर नहीं आई।

तो पति को कुछ शंका गई कि क्या हो गया ।

उसने घर में सब जगह देखा तो उसको बेडरूम में उसकी पत्नी पंखे पर अपनी साड़ी को गले में डालकर फंदा लगाकर लटकी हुई मिली।

दरवाजा खोलने गया मगर फिर कुछ सोच कर रुक गया।

पड़ोसियों को जिनके यहां खाना खाने जाना था वे पड़ोसी थे उनको और दूसरे लोगों को बुलाया और दरवाजा बताया।

उसने दरवाजे के का दरार में से देखा है ।

सब लोगों ने भी इस दरार में से देखा सब एकदम सकते में आ गए कि यह तो ऐसा कैसे कर सकती हैं जिंदादिल इंसान थी।

पुलिस बुलाई गई पुलिस ने आकर दरवाजा तोड़ा और उसको ऊपर से उतार के बाहर निकाला ।

पास में एक चिट्ठी मिली जिसमें उसने ऐसा लिख रखा था कि मेरी मौत की जिम्मेदार मैं खुद हूं ।

रोज-रोज बाई के नहीं आने से मुझे यह घर के काम अच्छे नहीं लगते हैं।

फिर भी मुझको करने पड़ते हैं इससे मैं तंग आ गई हूं इसीलिए मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर रही हूं।

मेरे पति का इसमें कोई हाथ नहीं है यह तो मुझे बहुत प्यार करते हैं बहुत अच्छी तरह रखते हैं।

वह सब को रोता बिलखते छोड़ कर चली गई शादी के 6 महीने ही हुए थे तो पुलिस वाले पति पर शंका कर रहे थे।

इसीलिए उसके पीहर वाले आए उन लोगों ने बोला नहीं इसके पति बहुत अच्छे हैं।

बहुत ध्यान रखने वाले हैं हमको इन पर कोई शंका नहीं है।

तब पुलिस वालों ने बॉडी दी सब के मुंह पर एक ही बात थी यह ऐसा कैसे कर सकती है।

एक कामवाली के नहीं आने पर कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है आज तक भी यह एक चर्चा का विषय है कि कोई कामवाली के ना आने पर भी आत्महत्या कर सकता है।

इससे यह सीख मिलती है कि हमको अपने बच्चों को काम सिखाना और काम से भागना नहीं यह सिखाना बहुत जरूरी है। और परेशानी के समय हिम्मत रखें। काम तो होता रहता है उसके पीछे कोई जान थोड़ी दी जा सकती है।

स्वरचित सत्य कहानी



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