उजड़ा हुआ दयार -श्रृंखला (26)
उजड़ा हुआ दयार -श्रृंखला (26)
पुष्पा और समीर दोनों अपनी टीम के साथ अपने देश वापस आ गए थे |उधर राबर्ट ?
राबर्ट ..कौन राबर्ट ? ......अरे हाँ वही पुष्पा का बाय फ्रेंड राबर्ट ! बेचारे को पहले तो मंकी पाक्स हुआ |हफ्तों वह अस्पताल में भर्ती रहा | अचानक एक दिन उसकी आँख की रेटिना रैप्चर हो चली |डाक्टरों ने बताया कि यह उसी संक्रामक बीमारी का साइड इफेक्ट हो सकता है | ऐसे में रेटिना को आंख की दीवार से चिपकाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। सिलिकॉन आईल इंजेक्शन देकर रेटिना को बेहतर ढंग से चिपकाने के लिये तरल सिलिकॉन को इंजेक्शन के जरिये आंख में प्रवेश कराया जाता है।उसके बाद आवश्यकता अनुसार लेंस प्रत्यारोपण भी होता है| रेटिनल डिटैचमेंट सर्जरी के छह महीने बाद सिलिकॉन आईल को आंख से निकाल कर लेंस प्रत्यारोपित किया जाता है ।
सच यह था कि इस प्रकार की नई संक्रामक बीमारी का जब तक कोई बचाव टीका या इलाज आता तब तक यह बीमारी अपना नया वेरिएंट लेकर आ जाया करती थी |ठीक वैसे ही जैसे कुछ साल पहले कोरोना मे हुआ था |
इस संसार में प्रकृति और मानव की यह क्रिया- प्रतिक्रिया बहुत पहले से चलती आई है | टी.बी., बड़ी चेचक, कालरा, घेंघा (फाइलेरिया), थायराइड आदि कई प्रकोप आते रहे हैं और मनुष्य ने अपनी मेधा और विज्ञान की खोज के बलबूते उन पर नियन्त्रण पा लिया है |लेकिन कैंसर, कोरोना और अब मंकी पाक्स आदि जैसी बीमारियाँ उसके लिए चुनौती बनकर खड़ी हो गई हैं |एक दिन अवश्य ऐसा आयेगा जब इन पर भी नियन्त्रण हो जाएगा लेकिन फ़िलहाल तो यह मुसीबत पूरे संसार के इंसान के सिर पर नाच रही है|
राबर्ट एक धनी परिवार का था लेकिन अपनी उच्छखृलता के चलते वह हिप्पी बन गया था | जब उसके पैरेंट्स को उसकी इस बुरी दशा के बारे में जानकारी मिली तो वे उसे समझा बुझा कर घर ले गए |उस परिवार में सम्पन्नता इठलाती फिर रही थी और वही हुआ जिसका सभी को अनुमान था | वाशिगटन के एक विख्यात आई रेटीना सर्जन ने महीनों की मेहनत के बाद रेटीना ठीक करके राबर्ट को नेत्रदान ही नहीं जीवन दान भी दे दिया |
लेकिन इन लम्बे और कष्ट दायक दिनों ने राबर्ट की ज़िन्दगी को नया आयाम दे दिया |उसकी जीवन और समाज के प्रति दृष्टि बदल गई |वह मानो जंगली जानवर से सामाजिक इंसान हो गया |उसने जान लिया कि अगर हम प्राकृतिक नियमों की अवहेलना करेंगे तो हमारा जीवन संकट में पड़ जाएगा |उसने महसूस किया कि जब वह काला चश्मा और स्टिक लेकर सड़कों पर चलता था तो किस तरह लोग मानवीयता का परिचय देते हुए उसे सड़क पार कराते थे... उसको उसकी मंजिल तक भी पहुंचा दिया करते थे|उसने मन ही मन संकल्प लिया कि अब शेष जीवन में वह भी किसी की रौशनी बनकर मदद करेगा|
जब वह स्वस्थ हो गया तो उसके पैरेंट्स ने उसके घर बसाने की योजना बनाई |राबर्ट ने अपना यह फैसला सुनाकर सभी को अचम्भे में डाल दिया कि वह अब अपनी जीवन संगिनी किसी और को नही बल्कि किसी नेत्रहीन गरीब लड़की को बनाएगा जिससे वह अपने पापों का प्रायश्चित कर सके |
सान फ्रांसिस्को से लन्दन जाने वाली स्टार एलायंस की फ्लाईट पर मिस्टर एंड मिसेज राबर्ट सवार हो चुके थे ..उन्हें एक हफ्ते के लिए वहां अपना हनीमून बिताना है |दूर दूर तक उसका अतीत उससे दूर छिटक कर जा खड़ा हुआ है |पुष्पा जिसने उसे "यूज एंड थ्रो" किया था वह खुद कहाँ और किस हाल में है इसकी राबर्ट को भला क्यों चिंता हो ?.... चिंता होनी भी नहीं चाहिए ! लेकिन आपको तो है ?
(क्रमशः)