तुम तो ठहरे परदेसी
तुम तो ठहरे परदेसी
तुम तो ठहरे परदेसी। परदेसियों के ऊपर एकदम से भरोसा नहीं किया जा सकताहै । यह कहानी एकदम सच्ची है। वे दोनों डॉक्टर थे। दोनों साथ में ड्यूटी कर रहे थे ।ड्यूटी करते करते दोनों मेंदोस्ती हो गई। इसी बीच लड़के ने लड़की को प्रपोज करा। लड़की को भी लड़का पसंद था। उसने सोच समझकर के हां करी। उसके सात आठ दिन बाद ही लड़के को अपनी आगे की पढ़ाई के लिए के लिए अमेरिका जाना पड़ा ।उसकी फैमिली तो पहले से ही थी। और उसको भी कॉलेज वालों ने रेसीडेंसी के अंदर ग्रीन कार्ड दे दिया था। उन दोनों की मुलाकात बहुत कम रही। लड़की के मन में यह संशय आया कि क्या होगा प्रपोजल तो हां कर दिया । लड़की और उसकी मां रोज घूमने जाते थे।
एक-दो दिन में ही मां से बात करी। और उसके बारे में बताया। उसके पिता कहीं बाहर गए हुए थे। वह आए तब मां ने उनसे बात करी। ऐसी ऐसी बात है इसने लड़का पसंद कर लिया है ।क्या किया जाए। उसके पापा ने बोला कि हां पता करते हैं । क्या है कहां रहता है ,किसका लड़का है, पता लगाया तो वह मिलने वालों का ही लड़का था ।और उसको जानने वाले बहुत लोग थे। मेडिकल फील्ड में तो सब एक दूसरे को जानते ही हैं । और वह समाज में काफी आगे वान थे। और कुछ साल पहले सब अमेरिका शिफ्ट हो गए थे।
सोच ही रहे थे उन लोगों से बात करने का कि उधर से ही फोन आ गया। और फोन पर ही सारे रिश्ते तय हुए । फिर 1 साल बाद दिसंबर में वह लोग आए, तब सगाई और दूसरे साल शादी हो गई । लड़की भी स्टूडेंट विजा लेकर अमेरिका पहुंच गई। वहां जाकर उसने भी बहुत पढ़ाई करी सुपर स्पेशलाइजेशन करा ।और बहुत अच्छी डॉक्टर बनी ।
इस तरह एक परदेसी के साथ उसकी जिंदगी अच्छी बसर हो रही है ।वह भी परदेसी बन गई है। और दोनों जने दो बच्चियों के साथ और परिवार के साथ बहुत खुशी से जिंदगी बसर कर रहे हैं।

